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“मैं मुस्लिम हूं इसलिए मुझे काम से निकाल दिया गया”

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21 वर्षीय रिहाना के लिए मुसलमान होना तब परेशानी की बड़ी वजह बन गई जब उसका मज़हब जानने के बाद उसे काम से हटा दिया गया। रिहाना झारखंड के दुमका ज़िले में रहती हैं और वह पिछले काफी वर्षों से लोगों के घर चौका-बरतन का काम करती हैं। ज़िले के रसिकपुर स्थित वन्दना के घर पर रिहाना को काम पर रखा गया। रिहाना जैसे ही तीसरे दिन काम पर आईं उसे ये कहकर हटा दिया गया कि अब उन्हें काम की ज़रूरत नहीं है। माजरा क्या है, ये अब तक रिहाना की समझ से परे था।

इस दौरान रिहाना हर रोज़ की तरह अन्य घरों में काम करने में मशगूल हो गई। रिहाना के ही किसी करीबी ने उसे ये बात बताई कि मुसलमान होने की वजह से उसे काम पर से हटाया गया है। धीरे-धीरे रिहना के कई और जानने वालों ने इस बात की पुष्टि कर दी।

मामले की तह तक जाने के लिए हमने रिहाना से संपर्क किया। ये पूछे जाने पर कि क्या मुसलमान होने की वजह से उसे काम से हटाया गया है, रिहाना बताती हैं, “मैं एक बेहद ही गरीब परिवार से हूं। जीविका चलाने के लिए हमें दूसरों के घर चौका-बरतन का काम करना पड़ता है। अब तक हमने जिन भी घरों में काम किया है, वहां काम में त्रुटी पाए जाने पर डांट तो पड़ती थी मगर ये नहीं कहा गया कि तुम मुसलमान हो और हम तुमसे काम नहीं करवाएंगे।”

वो आगे कहती हैं, “ऐसा लगता है कि मुसलमान के यहां जन्म लेकर हमने कोई बहुत बड़ा गुनाह कर दिया है। मैं पूछती हूं कि सरकारी कार्यालयों और प्राइवेट दफ्तरों में भी तो मुसलमान कार्यरत होते हैं, तो क्या उन सबको काम से हटा दिया जाए। ये तो वही बात हो गई कि सिर्फ कमज़ोर व्यक्ति का शोषण किया जाए।”

रिहाना से बातचीत के बाद मामले के तथ्यों की पुष्टि के लिए हमने वन्दना से बात की। वन्दना बड़े फक्र के साथ कहती हैं, “हां हमे जिस रोज़ पता चला कि वो लड़की मुसलमान है, हमने उसे काम पर से हटा दिया। पहली बात तो ये कि मैं किसी मुसलमान को काम पर रखना ही नहीं चाहती और यदि किसी वजह से हमने रख भी लिया तो मेरे रिश्तेदार मुझे ताने मारेंगे ही और तो और मेरे तमाम पड़ोसी भी मेरे घर आना बंद कर देंगे।”

जब बात पड़ोसियों की हुई तब हमने वन्दना की पड़ोसी ज्योति से इस विषय पर उनकी प्रतिक्रिया मांगी। ज्योति बताती हैं, “वन्दना ने बिल्कुल सही किया है। वन्दना की जगह यदि मैं होती तो ये काम और पहले कर देती। मुसलमान का कोई भरोसा नहीं, ये कब और किसके यहां जाकर क्या भोजन कर लें। ये लोग गाय का मांस खाते हैं और हम गौ माता की पूजा करते हैं। आप ही बताइए ऐसे में हम इन्हें अपनी दहलीज़ पर कैसे कदम रखने दें?”

एक मुसलमान होने की वजह से रिहाना को वन्दना के घर से निकाले जाने के बाद ये न सिर्फ मुसलमानों के प्रति एक मोहल्ले के व्यवहार की दास्तां बयां करता है बल्कि देश के अलग-अलग इलाकों में हिन्दुओं की कट्टर मानसिकता को भी दर्शाता है। इस प्रकरण से देश में भाईचारे की सारी मिसालें फेल होती दिखाई पड़ती हैं।


फोटो प्रतीकात्मक है।

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