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आसान प्वाइंट्स में समझें, RTI कैसे दाखिल किया जाता है

साल 2005 में तत्कालीन सरकार ने सूचना का अधिकार अधिनियम (RTI) पास किया, जिसने देश में हर खासो आम को सरकार से सवाल पूछने और उनकी ज़िम्मेदारी तय करने का अधिकार दिया। यह अधिनियम भारत के हर नागरिक को केंद्र, राज्य और केंद्र शासित प्रदेश की सरकार से किसी भी मसले पर जानकारी मांगने की ताकत देता है। (जम्मू और कश्मीर सरकार को छोड़कर)

इस अधिनियम की शुरुआत से 2015 तक 1.75 करोड़ से ज़्यादा RTI दाखिल किए जा चुके हैं। भ्रष्टाचार और धांधली के मामले उजागर करने के लिए RTI एक ज़बरदस्त माध्यम बनकर उभरा। वो RTI का ही सहारा था जिसके मदद से कई स्टूडेंट्स को सालों से अटके हुए स्कॉलरशिप मिलें या आदर्श हाउसिंग सोसायटी जैसे घोटाले सामने आएं। RTI के ज़रिए आदर्श घोटाले के सामने आने के बाद ही महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण को इस्तीफा देना पड़ा था। अगर इसका सही इस्तेमाल किया जाए तो शायद RTI सरकार को उनकी ज़िम्मेदारियों का एहसास दिलाने के लिए सबसे मज़बूत हथियार है।

RTI दाखिल करने का हक हर इंसान को है लेकिन हममें से अधिकतर यह नहीं जानते कि आखिर RTI दाखिल कैसे करते हैं। तो हम यहां  बहुत ही आसान शब्दों में पूरा प्रॉसेस बता रहे हैं कि आखिर कैसे दाखिल किया जाता है RTI.

प्वाइंट 1: सबसे पहले यह जानें कि जो जानकारी आपको चाहिए वो किस विभाग से प्राप्त की जा सकती है। यह केंद्र, राज्य या केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासन द्वारा स्थापित, अधिकृत, संचालित, गठित या वित्तीय सहायता प्राप्त कोई भी विभाग हो सकता है।

प्वाइंट 2: एकबार यह तय कर लेने पर कि किससे जानकारी चाहिए, ऑनलाइन RTI दाखिल किया जा सकता है। (वर्तमान में सिर्फ केंद्र, महाराष्ट्र और दिल्ली सरकार ने ही ऑनलाइन RTI की सुविधा शुरू की है)

प्वाइंट 3:  अन्य जगहों पर आपको एक सफेद कागज़ पर खुद से लिखकर या फिर टाइप करके RTI एप्लिकेशन दाखिल करना होगा जिसे डाक द्वारा या खुद जाकर संबंधित विभाग के जन सूचना अधिकारी (Public Information Officer) तक पहुंचाया जा सकता है। ऊपर लिखे विभागों को छोड़कर सभी विभागों में वर्तमान में डाक अथवा निजी तरीके से ही RTI स्वीकार किया जाता है।

ऑफलाइन दाखिल किए गए सभी RTI एप्लिकेशन राज्य या केंद्र जन सूचना अधिकारी के नाम संबोधित होने चाहिए और एप्लिकेशन का विषय होना चाहिए ”जन सूचना अधिकार अधिनियम 2005 के अंतर्गत सूचना हेतू”

प्वाइंट 4: एक RTI एप्लिकेशन दाखिल करने का शुल्क 10 रुपये है जो मनी ऑर्डर, कोर्ट फी स्टाम्प, बैंक ड्राफ्ट या कैश में दिया जा सकता है। ऑनलाइन एप्लिकेशन दायर करते हुए इंटरनेट बैंकिग, डेबिट/क्रेडिट कार्ड या Paytm की सुविधा दी जाती है। गरीबी रेखा के नीचे रह रहे लोगों के लिए आवेदन नि:शुल्क है। लेकिन ऐसा करते हुए BPL सर्टिफिकेट की एक कॉपी आवेदन के साथ लगानी होती है।

प्वाइंट 5: कानूनन जन सूचना अधिकारी को आवेदन प्राप्त करने के 30 दिन के भीतर आवेदनकर्ता को जानकारी मुहैय्या करवानी होती है। अगर आपको 30 दिन के बाद भी मांगी गई जानकारी नहीं मिली तो संबंधित अधिकारी के पास अपील की जा सकती है। अगर आपने ऑनलाइन  RTI दाखिल किया है तो यह अपील ऑनलाइन भी की जा सकती है। अगर अपील किए गए अधिकारी के पास से भी 30 दिन के भीतर कोई जवाब नहीं आता तो राज्य/केंद्र सूचना आयोग, मुख्य सूचना अधिकारी या सूचना आयोग में अपील की जा सकती है।

अगर अधिकारी से प्राप्त सूचना से आप संतुष्ट नहीं हैं तो सूचना प्राप्त होने के 30 दिन के अंदर संबंधित अधिकारी के पास एक अपील दाखिल की जा सकती है।

चुने गए प्रतिनिधियों को उनकी ज़िम्मेदारियों का एहसास करवाना एक मज़बूत लोकतंत्र के लिए बेहद ज़रूरी है। चाहे वो आपके घर के आगे की सड़क का गड्ढा हो, स्कूलों में शिक्षकों की गैरहाज़िरी हो या फिर इस बात की जानकारी लेनी हो कि टैक्स में दिया गया पैसा कैसे खर्च किया जा रहा है, RTI सत्ता में बैठे लोगों से हर सवाल पूछने की आज़ादी और जवाब जानने का हक देता है। और जब आपको जवाब मिल जाए तो आगे भी लोगों को जानकारी ज़रूर दें। अगर आपने भी कोई RTI दाखिल किया है तो Youth Ki Awaaz पर उसके बारे में ज़रूर लिखें। ऐसा करने से आपके द्वारा प्राप्त जानकारियां हज़ारों लोगों तक पहुंचेगी और उनकी बेहतरी में भी अहम योगदान देगी।

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