#सामाज_को_विघटन_की_ओर_ले_जाता_सोशल_मीडिया !
जहाँ एक ओर समाज को सभी वर्गों के व्यक्तियों के एक समूह में साथ-साथ रहने एवं एक दूसरे के साथ अंतःक्रिया करने के साथ परिभाषित किया जाता है वही दूसरी ओर सोशल मीडिया जोकि बदलते समाज की बहुत बड़ी जरूरत और #डिजिटल_वर्ल्ड के लिए एक क्रांति साबित हुआ है । समाज को सीखने और वर्चुअल नेटवर्क पर बड़े समूह से जुड़ने का एक बड़ा पायदान मिला है, लोगों को अपनो से दूर रहकर भी पास होने की एक अलग खुशी भी मिली है। इन सभी खुशियो को देखकर ऐसा लगता कितना बदल गया समाज लेकिन एक कड़ुआ सच जो कि आज दिल को झकझोर रहा है, आज का युवा, नए इंटरनेट उपभोक्ता जोकि फ्री इंटरनेट सुविधा के चलते मशरूम की तरह बढ़ते जा रहे है लेकिन इन सब के पीछे जो एक सामाजिक विघटनकारी ताकत जन्म ले चुकी है जो समाज के शांति और सदभाव वाले माहौल में जहर घोल रही है, बहुत ही खतरनाक है!
सवेरे से शाम तक लाखो लोग अराजकता से भरी विघटनकारी पोस्ट एक दूसरे को भेज रहे है और नफरत का जहर फैलाते जा रहे है , किसी को कोई परवाह नही की यह घटना, फ़ोटो, वीडियो, मैसेज, सच है या झूँठ, एक बहुत बड़े प्रतिशत इंटरनेट उपभोक्ता को ऐसा लगता है की इंटरनेट से आने वाली सभी जानकारी सही होती है और उसपर विश्वास कर उसको आगे बढ़ाते जाते है और लोगों के मन मे एक दूसरे सम्प्रदाय, पार्टी, जाति, समाज,व्यक्ति के लिए नफरत की आग लगाते जा रहे है।
इस तरह समाज में वैयमनुष्यता को जन्म देने वाले जहर को फैलने से रोकना होगा एवं एक स्वस्थ समाज की स्थापना करना होगा, अन्यथा आने वाला कल बहुत ही भयावह होगा ।
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आप भी सोंचिये …..आपके सुझाव आमंत्रित है ! #start4chnage
सामाजिक चिंतक
विद्या भूषण सिंह
Email- vbs.bhooshan@gmail.com
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