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बिहार में 21 वीं सदी में भी हो रही पिस्तौल के बल पर जबरन शादी

शादी एक ऐसा बंधन है जिसकी नींव विश्वास और सच पर टिकी होती है। यह एक ऐसा बंधन है जो दो लोगों के साथ दो परिवारों को भी जोड़ता है, अधिकतर लोग अपनी शादी के सपने बचपन से ही बुनने लग जाते हैं फिर चाहे वह लड़का हो या लड़की। लड़कियां बचपन से ही सफेद घोड़े पर आने वाले राजकुमार के सपने देखती हैं तो वहीं लड़के भी पीछे नहीं है वह भी अपनी शादी के सपने संजोये रहते हैं। पर अगर कोई आपकी शादी ज़बरदस्ती करवा दे तो…. मान लो आप किसी से प्यार करते हो या आपके माता पिता ने आपके लिए किसी को पसंद किया हो या आप अभी आगे पढ़ना चाहते हों और शादी ना करना चाहते हों पर कोई आपकी शादी ज़बरदस्ती किसी से करवा दे तो… तब आपको कैसा लगेगा?

कुछ लोगों को लगता है कि भला ऐसा कैसे हो सकता है पर हां ऐसा हो सकता है… और हो भी रहा है…. ऐसा बिहार में हो रहा है जहां इस प्रकार की शादी को जबरिया विवाह या पकड़ुआ विवाह भी कहा जाता है। ऐसी शादियां बिहार के पश्चिमी भाग के साथ साथ उत्तर प्रदेश के पूर्वी भागों में भी होती हैं। इसमें लड़के का अपहरण कर बंदूक के बल पर उसकी जबरन शादी करवा दी जाती है। ऐसा अधिकतर वही लोग करते हैं जिनके पास शादी में देने के लिए दान दहेज नहीं होता है। भारत आज अर्थव्यवस्था के स्तर पर चाहे कितना भी उच्च क्यों ना हो…. भले ही आज भारत के प्रधानमंत्री का स्वागत दुनिया के हर देश में धूमधाम से क्यों ना होता हो पर अफसोस…. कि भारत के राज्य बिहार में आज भी ऐसा अपराध खुलेआम हो रहा है।
बिहार पुलिस द्वारा 2013 में जारी एक रिपोर्ट के अनुसार जून 2013 तक अपहरण की 2798 घटनाएं घटित हुईं। इसमें फिरौती के लिए अपहरणों की संख्या केवल 28 थी और 2770 घटनाओं में से अधिकांश मामले ऐसे थे जिनमें जबरन शादी के लिए अपहरण किये गए थे।
साल 2016 में आई सरकारी रिपोर्ट के अनुसार अपहरण के कुल 4737 मामले दर्ज किए गए। इनमें से तकरीबन 3007 मामले पकड़ुआ विवाह यानि जबरन शादी के थे। सबसे हैरान करने वाली बात ये है कि पहले शादी के शुभ मुहुरत अर्थात शादी के महीनों में ही इस प्रकार की घटनाएं हुआ करती थीं पर अब तो पूरे साल ही इस प्रकार के अपहरण जारी रहते हैं। 2016 की रिपोर्ट के अनुसार 2100 अपहरण उस समय हुए जब लगन के लिए सही समय नहीं था।
ऐसा ही एक मामला बिहार में स्थित लोदीपुर गांव से सटे फोरलेन पर हुआ जब महज़ 15 साल के धनराज को बोलेरो में सवार सात बदमाशों ने अगवा कर उसकी जबरन शादी रचा दी। विरोध करने पर उसे पिस्तौल की बट से पीटा भी गया। गाड़ी में सवार सभी बदमाशों ने पुलिस की वर्दी पहनी हुई थी, शादी के बाद किसी बहाने से धनराज वहां से भाग अपने रिश्तेदार के घर जाकर छिपा फिर उसके रिश्तेदारों ने उसके घर फोन कर परिवार वालों को घटना की जानकारी दी जिसके बाद धनराज की मां ने उन लोगों के खिलाफ थाना खिसरूपुर में अपहरण, हथियार के बल पर जबरन शादी रचाने का केस दर्ज कराया।
ऐसी ही एक घटना धनबाद की है जहां राजेश वर्मा के साथ जबरन विवाह हुआ। राजेश वर्मा की बहन की शादी 2003 में हुई। राजेश उसकी विदाई के लिए 20 मई 2003 को अपनी बहन के ससुराल गया जो कि जमुई के सोनो में स्थित है। उस वक्त वह नाबालिग था। तब उसकी बहन का देवर उसे जबरन पकड़कर वहीं रहने वाले बढ़न सोनार के घर ले गया और उसकी बेटी जो कि नाबालिग ही थी से उसकी जबरन शादी करवा दी।
जब मामला घर वालों को पता चला तो वहां पंचायत बैठी जिन्होंने बच्चों के नाबालिग होने के कारण राजेश के परिवार के हक में फैसला सुनाया और शादी को खारिज कर दिया। कुछ दिनों बाद लड़की पक्ष ने राजेश और उसके माता पिता के खिलाफ केस कर दिया जिसमें राजेश सहित उसके पिता और माता को आरोपी बनाया गया और उन तीनों को जेल भी जाना पड़ा। लड़की के परिजनों ने दहेज के कारण प्रताड़ित करने का आरोप राजेश और उसके परिवार वालों पर लगाया। आज भी यह केस चल रहा है जिस कारण राजेश और उसके माता पिता नियमित रूप से मुकदमे की पेशी के लिए जाते हैं। फिर भी कई बार राजेश और उसके परिवार वालों पर हमले हो रहे हैं, उसके पिता और उसकी मां के साथ कई बार मारपीट भी की गई और राजेश पर फायरिंग तक की गई।
अभी हाल ही में यू ट्यूब पर एक विडियो वायरल हो रहा है जिसमें एक लड़के की जबरन शादी करवाई जा रही है। यह घटना बीते साल 3 दिसंबर की है। बतौर बोकारो सेल में जूनियर इंजीनियर पीड़ित लड़का अपने दोस्त की शादी में गया था, जहां मोकामा के पास उसका अपहण कर लिया गया। लड़के का आरोप है कि लड़की के घरवालों ने उसे सूरभान नाम के किसी शख्स से मिलवाने के लिए घोखे से बुलाया और जबरन अपने घर ले गए। जहां हथियारों के दम पर उसकी जबरन शादी करवा दी गई। ये घटना बिहार की राजधानी पटना के पंडारक थाना इलाके की है।
इस तरह के अपराध पर सरकार को जल्द से जल्द सख्त कानून बनाने की आवश्यकता है ताकि ऐसा करने वालों को कड़ी से कड़ी सज़ा मिल सके और इस प्रकार के अपराधों को होने से रोका जा सके ताकि लोगों को खौफ के साये में रहना ना पड़े।

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