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भारत भूटान और चीन के बीच डोकलाम विवाद

कुछ दिन पहले यह विवाद इसलिए उभरा था, क्योंकि चीन वन बेल्ट वन रोड के तहत सड़क का निर्माण तिब्बत से जुड़ने के लिए कर रहा था चीन रोड का निर्माण भारत ,भूटान और चीन का जो तिराहा बिंदु था ,उसके एक क्षेत्र से करना चाहता था जो कि भूटान और भारत दोनों ही देशों की सुरक्षा के लिए खतरनाक साबित हो सकता था 28 जून को पहले भूटान ने इस सड़क के निर्माण के खिलाफ चीन का विरोध किया , साथ ही भूटान ने अपनी सेना को हाई अलर्ट पर रख कर अपनी सीमा सुरक्षा को बढ़ा दिया भारत ने इस सड़क निर्माण कार्य पर असहमति जताते हुए इसका विरोध किया था भूटान के साथ चीन का कोई राजनयिक संबंध नही है लेकिन भारत के साथ भूटान की आपसी सहमति के साथ ही मैत्रियी संबंध भी है भूटान ने इस चीनी आक्रमण के खिलाफ भारत से मदद की मांग की थी भारत की असहमति चीन को अच्छी नही लगी जिस वजह से यह विवाद उत्तपन्न हुआ

दरअसल डोकलाम विवाद भारत के लिए सुरक्षा संबंधी समस्या था यदि भारत इस विवाद में नही पड़ता तो चीनी सेना भूटान को पछाड़ कर इस स्थान पर कब्जा जमा लेती इससे भारत को सबसे बड़ा खतरा ये था यहाँ पर चीनी सेना आ जाने से भारत के सिलीगुड़ी क्षेत्र जिसे चिकन नैक भी कहा जाता है खतरे में आ जायेगा सिलीगुड़ी कॉरिडोर 28 किलोमीटर में फैला वह स्थान है जो कि उत्तर पूर्वी भारत के कई हिस्सों को भारत में जोड़ता है यहाँ पर चीन की घुसपैठ हो जाने से चीन न सिर्फ उत्तरी पूर्वी के 7 सिस्टर स्टेट को भारत से अलग कर देगा बल्कि उन राज्यो में भी कब्जा भी जमा सकता था इसलिए भारत के लिए बहुत आवश्यक था कुछ दिनों के बाद भारत के अर्थक प्रदर्शन के बाद दोनों देश की सरकारों ने अपनी अपनी सेना वहाँ से पीछे हट लिया इससे भारत की एक बडी जीत थी और भारत भूटान के भरोसे पर खरा उतरा ।

गौरव सिंह

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