चित्रकूट ज़िले के बांधी गाँव में एक ऐसा प्रेमी जोड़ा रहता है, जिसने समाज के बंधनों को ताक पर रख कर अपने प्रेम और विश्वास को ज़िंदा रखा है। यह प्रेम कहानी साधारण प्रेम कहानी बिल्कुल नहीं है। इस प्रेम कहानी के दोनों प्रेमी भी सबसे अलग हैं। आइये जानते हैं इस प्रेम कहानी के हीरो से उनकी प्रेम कहानी, उन्हीं की ज़ुबानी।
इस प्रेम कहानी का हीरो अपनी ज़िंदगी में तन्हा था। तब उसकी ज़िंदगी में एक शादीशुदा लड़की आई जो अपने शादीशुदा जीवन में घुट रही थी। लड़की घरेलु हिंसा से पीड़ित थी, और अपने ससुराल से चली जाना चाहती थी। तभी दोनों एक दूसरे से मिले, दोनों के कहने-सुनने से शुरू हुई दास्तां ने धीरे-धीरे प्रेम का रूप ले लिया और फिर दोनों ने अपने प्रेम को परवान चढ़ाते हुए साथ रहने का फैसला किया।
कमल ने अपनी प्रेम की शुरुआत के बारे में बताया,
“हम उनके घर जाया करते थे। वो हमें अपनी समस्याएं सुनाती थी। कैसे उनके पति शराब पीते हैं और फिर मारपीट करते हैं।”
उसके बाद कमल और आशा ने अपने अपने फोन नंबर एक दूसरे को दिए और यूं शुरू हुआ बातों का सिलसिला। कमल आगे बताते हैं, “बस धीरे-धीरे हम दोनों एक दूसरे के प्रेम में पड़ गये। हमें एक दूसरे से बात करना अच्छा लगता था, न बात करते थे तो बैचेनी होती थी। फिर हम दोनों को लगने लगा कि हम एक दूसरे के बिना रह नहीं पाते हैं, हम प्यार करते हैं।”
समाज में अक्सर शादी का टूट जाना, और शादी से बाहर प्यार को ढूंढना, बुरा माना जाता है।
लेकिन अगर अपनी निजी ज़िंदगी में आप दुखी हैं, और इत्तेफाक से मोहब्बत से टकरा जाते हैं, तब क्या? ऐसे बंधनों में कमल और आशा बिलकुल विश्वास नहीं रखते। दोनों के बीच में उम्र का फर्क भी है, लेकिन इस सामाजिक परेशानी से भी वे दोनों दूर हैं – कमल का मानना है, “हमारे बीच उम्र को लेकर कोई दिक्कत नहीं थी। हम एक दूसरे का ख्याल रखते हैं और बस प्यार करते हैं।”
प्यार करने वालों को कमल ने अपने और आशा की ओर से संदेश देते हुए कहा, “बस प्यार हो और ज़िंदगी भर का साथ हो। जो भी करो अच्छे से और पूरा करो, जो भी प्यार करे वो अपने प्यार का ख्याल रखे और उसको बीच में न छोड़े। विश्वास और ईमानदारी सबसे ज़रुरी है।