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An open letter By a sufferer | एक पुकार | Bihar | Education | bseb

माननीय आनंद किशोर सर,

बोर्ड अध्यक्ष,बिहार बोर्ड !

ये जो बिहार बोर्ड को आप अपनी जागीर समझ कर कभी भी, कुछ भी बदलाव करते जा रहें हैं न,ये जो नकल-मुक्त,कदाचार मुक्त परीक्षा होने के झूठे-खोखले वादे आप कर रहें हैं,ये जो हर दिन प्रश्न-पत्र वायरल होने के बाद भी इसे नकार रहें हैं आप, अखबारों में वास्तविकता के ठीक विपरीत छपवा रहें हैं। आपका कहना है कि केंद्र पर वीक्षक मोबाइल नहीं रख सकते (जबकि है), आप कहतें हैं सेंटर पर वीडियोग्राफी हो रही है लेकिन  सच यह है कि 3 घण्टे के परीक्षा में महज़ 5-10 मिनट हो रही है।

परीक्षा के बीचों बीच छात्रों को बताया जाता है कि 5 मिनट में ओएमआर शीट ले लिया जायेगा क्योंकि आपका आदेश है, जबकि ऐसा न कोई निर्देश छपा हुआ था, न हमें शुरुआत में बताया गया था। और आदेश भी क्यों, क्योंकि सेंटर पर से कोई मोबाइल से तस्वीर बाहर भेज रहा है और बाहर से अंदर आंसर भेजे जा रहे हैं। आपकी हर एक विफलता का खामियाज़ा हम आम छात्र ही क्यों भुगते? आपने इस बार प्रैक्टिकल के सेंटर दिये, क्या फायदा हुआ उसका, ज़रा हमें भी बतायें।viva लिया गया नहीं। एवरेज मार्किंग की बात कही गयी।

ये सब ढिकोस्ला का जरूरत नहीं पड़ता।अगर आप रत्ती भर ध्यान भी शिक्षा व्यवस्था पर दे देतें। स्कूल-कॉलेजों में पढ़ाई होती है नहीं । या तो शिक्षक हैं ही नहीं,और अगर हैं तो नदारद रहतें हैं। प्रैक्टिकल के इक्विपमेंट के लिए फण्ड रिलीज़ होता है,लेकिन खरीदा नहीं जाता,खरीदा जाता है तो धूल फाँकता रहता है। बड़े बड़े कोचिंग इंस्टिट्यूट साम्राज्य स्थापित हो रहें,आपके विफलता के कारण। लाखों पैसे ऐठतें हैं। हमारे पास कोई चारा भी नहीं होता,आपके कई शिक्षक को कुछ आता भी नहीं,आता है तो वो पढ़ाने आते नहीं।

झूठे वादे-दिखावा करना बंद करिये । शिक्षा व्यवस्था को जड़ से ठीक करने की शुरुआत करिये।बच्चों को पढ़ाया जायेगा तो वो चोरी नहीं करेंगे। अपने आस पास के छात्रों से मिलकर मैं ये कह सकता हूँ की इस साल सख्ती से परीक्षा हो और कॉपी चेक किया जाए तो 80 प्रतिशत छात्र fail होंगें। प्रायोगिक परीक्षा में 95 प्रतिशत बच्चे fail होतें अगर सख्ती से होती,जो हुई नहीं। अफ़सोस मीडिया सब जानता है,लेकिन कोई कुछ छापेगा नहीं।

Regards,
प्रशांत
An Intermediate Class 12 student appearing this year

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