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2028 में हवा के लिए तरसते लोगों का यह काल्पनिक वीडियो आपको डरा देगा

ग्रीनपीस इंडिया ने अपने फेसबुक पर Meet the Clean Air Dealer  नाम से एक वीडियो जारी किया था। इस वीडियो में 2028 की सिचुएशन को इमैजिन करके खराब हवा की भयावहता को बताया गया है।

वीडियो की शुरुआत में ही कहा गया है कि यह वीडियो भले ही फिक्शनल है लेकिन यह सिचुएशन भविष्य में आ सकती है। इस वीडियो में स्वच्छ हवा माफिया को दिखाया गया है, जो अलग-अलग जगहों जैसे हिमाचल और दूसरी जगहों की हवा को बोतल में बंद कर बेचता है।

यह सच है कि यह वीडियो पूरी तरह से काल्पनिक है लेकिन इसके भविष्य में सच होने की पूरी संभावना है। ग्रीनपीस इंडिया की रिपोर्ट एयरपोक्लिप्स 2 में बताया गया है कि देश के 80 प्रतिशत शहर राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता मानक पर खरे नहीं उतरते हैं।

वहीं 4 करोड़ 70 लाख से भी ज़्यादा बच्चे ज़हरीली हवा से सबसे ज़्यादा प्रभावित हैं। इस रिपोर्ट में 280 शहरों के एक साल में पीएम-10 के औसत स्तर का विश्लेषण किया गया है। इन शहरों में देश की 63 करोड़ आबादी (करीब 53 प्रतिशत जनसंख्या) रहती है। बाकी 47 प्रतिशत (58 करोड़ ) आबादी ऐसे क्षेत्र में रहती है, जहां की वायु गुणवत्ता के आंकड़े उपलब्ध ही नहीं हैं।

इन 63 करोड़ में से 55 करोड़ लोग ऐसे क्षेत्र में रहते हैं जहां पीएम10 का स्तर राष्ट्रीय मानक से कहीं अधिक है। वहीं इसमें से 18 करोड़ लोग केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के द्वारा तय सीमा 60 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर से दोगुने ज़्यादा प्रदूषण स्तर वाले इलाकों में रहते हैं।

4 करोड़ 70 लाख बच्चे जो पांच साल से कम उम्र के हैं, ऐसे क्षेत्र में रहते हैं जहां सीपीसीबी (Central Pollution Control Board) द्वारा तय मानक से पीएम-10 का स्तर अधिक है। इसमें 1 करोड़ 70 लाख वो बच्चे भी शामिल हैं, जो कि मानक से दोगुने पीएम-10 स्तर वाले क्षेत्र में निवास करते हैं।

यह अब बहस का मुद्दा नहीं है कि वायु प्रदूषण आज देश के स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बन चुका है। सरकार को तत्काल इससे निपटने के लिए राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्ययोजना लागू करने की ज़रूरत है। नहीं तो अंजाम हम इस वीडियो में देख ही रहे हैं, जो बहुत डरावना है और हमें अपनी आने वाली पीढ़ियों के भविष्य के लिए चिंतित करता है।

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