Site icon Youth Ki Awaaz

राजस्थान का एक गांव जो हर बेटी के जन्म पर लगाता है 111 पेड़

राजस्थान का पिपलांत्री गांव लड़की बचाओ और हरियाली बढ़ाओ का अपना ही एक नया सिद्धांत बनाकर संपूर्ण देश में एक नई मिसाल कायम कर रहा है।

अखबार में अक्सर ऐसी खबरें पढ़ने को मिलती हैं कि किसी लड़की का बलात्कार हुआ, तो कहीं यौन शोषण किया गया या फिर किसी लड़की या महिला की हत्या कर दी गई। लेकिन पिपलांत्री गांव के सरपंच श्याम सुंदर पालीवाल ने इस गांव का रुख ही बदल दिया। अपनी बेटी किरन की याद में श्याम सुंदर ने यह रीत चलाई कि, जब भी किसी लड़की का जन्म पिपलांत्री गांव में होगा, तो उसके नाम पर 111 पेड़ लगाए जाएंगे। वे सिर्फ पेड़ ही नहीं लगाते बल्कि इसका भी खास खयाल रखते हैं कि ये सारे पेड़ ज़िंदा भी रहें। पिछले 6 सालों में इस गांव ने नीम, शीशम, आम और आमला के लगभग 30 लाख से अधिक पेड़ लगाए हैं।

इस गांव की और यहां के सरपंच श्याम सुंदर पालीवाल की अदभुत कहानी सुनने के लिए देखें यह वीडियो।

एक ऐसा देश जहां हर दिन करीब 2000 भ्रूण हत्याएं होती हैं और न जाने कितने ही पेड़ काट दिए जाते हैं। ऐसे देश में कुछ ऐसे लोग भी हैं जो इसे रोकने का प्रयास कर रहे हैं। राजस्थान के पिपलांत्री गांव के सरपंच श्याम सुंदर पालीवाल ऐसे ही लोगों में से एक हैं। उन्होंने एक गांव में ही सही लेकिन अनेकों कन्याओं को इस दुनिया में जन्म लेने दिया और उनके आने की ख़ुशी में 111 पेड़ भी लगवाना शुरू किया।

कुछ ही वर्ष पहले अपनी बेटी खो देने के बाद श्याम सुंदर ने अपने गांव में हर वर्ष लगभग 60 लड़कियों के जन्म लेने पर पेड़ लगाने की प्रथा शुरू करवाई। इस गांव में प्रत्येक लड़की के लिए गांव से 21,000 और लड़की के पिता से 10,000 रुपये लेकर, कुल 31,000 रुपये का फिक्स डिपाज़िट कराया जाता है। इतना ही नहीं लड़की के माता-पिता को सरकारी कागज़ों पर हस्ताक्षर भी करने होने होते हैं, जिन पर साफ़ लिखा होता है कि लड़की रोज़ स्कूल जाएगी, उसकी शादी कानूनी उम्र से पहले नहीं होगी और सारे पेड़ों का ध्यान उसके परिवार को ही रखना होगा।

संपूर्ण देश के लिए यह गांव और इसके सरपंच श्याम सुंदर पालीवाल एक मिसाल हैं, जो एक ऐसा काम कर रहे हैं जिससे भ्रूण हत्या तो कम होंगी ही साथ ही देश में हरयाली भी होगी। श्याम सुंदर के इस अनूठे प्रयास से सीख लेकर संपूर्ण देश के लोगों को देश के बेहतर कल के लिए आगे आना चाहिए।

Exit mobile version