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मुहब्बत की खूबसूरत मिसाल है राजीव और सोनिया गांधी की लव स्टोरी

 ना डालो प्यार पर पहरे जनाब,

 ये तो वो आंधी है जो,

 तिनके को भी उड़ा ले जाती है।

कहीं आ ना जाए उनसे बिछड़ जाने का ख्वाब, इस ख्याल के डर से हम रातों को सोते नहीं…..हीर-रांझा, लैला-मजनू, सोनी-महिवाल ये कुछ ऐसे प्रेमी जोड़े हैं जिन्होंने प्यार तो किया लेकिन प्यार में अपनी जान भी दे दी क्योंकि समाज को इनका प्यार मंज़ूर नहीं था। वैसे बिछड़े प्यार के फसाने तो कतरे-कतरे में बसे हैं लेकिन क्या कभी कोई ऐसी प्यार की कहानी सुनी है जिसे मंज़िल भी मिल जाए और फिर भी अधूरी रह जाए? ये कहानी दो ऐसे प्यार करने वाले लोगों की है जिनका प्यार आंखों से परवान चढ़ा और समाज के खोखले रिवाज़ों के तोड़ते हुए शादी के पवित्र बंधन में भी बंध गया।

राजीव गांधी और सोनिया गांधी, फोटो आभार- Free Press Journal

राजीव गांधी और सोनिया गांधी, ये दो नाम जिन्हें शायद तब याद किया जाता है जहां राजनीतिक मुद्दों पर बहस हो रही होती है लेकिन इनके प्यार की कहानी भी इन दोनों की तरह ही बहुत ही खूबसूरत है। बात 1965 की है जब राजीव केम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के कॉलेज ऑफ ट्रिनिटी में पढ़ाई कर रहे थे और सोनिया केम्ब्रिज में इंग्लिश पढ़ने गईं थी। इन दोनों की मुलाकात केम्ब्रिज के रेस्टोरेंट में हुई थी। राजीव यहां अपने दोस्त के साथ आए हुए थे, मौज मस्ती का दौर था तभी रेस्टोरेंट में राजीव की नज़र सोनिया पर पड़ी और उन्हें पहली नज़र में ही प्यार हो गया।

अपने प्यार का इज़हार राजीव ने बेहद फिल्मी अंदाज़ में किया था। बताया जाता है कि राजीव ने सोनिया से अपने प्यार का इज़हार एक शायरी लिख कर किया था जो उन्होंने किसी पेपर पर नहीं ब्लकि रेस्टोरेंट के एक टिशु पेपर पर लिखा था। बाद में ये खत उन्होंने सोनिया तक एक शैम्पेन की बोतल पर लपेट कर पहुंचाया था। राजीव के इस अंदाज़-ए-मोहब्बत की सोनिया भी कायल हो गई और उन्हें अपना दिल दे बैठी थी।

शायद ही ये कोई समझ सके कि स्वभाव से गंभीर दिखने वाले राजीव इतने रोमांटिक भी हो सकते हैं। इसके बाद राजीव और सोनिया के बीच मुलाकातों का दौर शुरू हो गया और कुछ दिनों में दोनों ने शादी का फैसला कर लिया। राजीव और सोनिया ने शादी का फैसला तो कर लिया था लेकिन इसके बारे में अपने-अपने परिवार को बताने का अब वक्त आ गया था। दोनों की शादी आसानी से हो जाए उस समय ऐसे हालात नहीं थे। सोनिया के पिता इस शादी के सख्त खिलाफ थे। तभी इस दौरान सोनिया ने अपने पिता को एख खत लिखा जिसमें उन्होंने राजीव के बारे में घरवालों को बताया ।

सोनिया ने लिखा मैं एक इंडियन लड़के से प्यार करती हूं वो एक स्पोर्टस मैन है, नीली आंखों वाले ऐसे ही राजकुमार का मैं हमेशा से सपना देखती थी।

बेटी की खुशी के आगे घरवालों की ज़िद ज़्यादा देर तक नहीं टिक सकी और वो उन दोनों की शादी के लिए मान गए। जब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को इस बारे में पता चला तो पहले तो उन्हें उनकी शादी से ऐतराज़ था लेकिन बाद में वो भी मान गई। अलग देश और संस्कृति में पली बढ़ी सोनिया का भारत में रहना आसान नहीं था, साथ ही साधारण परिवार में रही सोनिया को राजनीतिक माहौल की भी आदत नहीं थी, ये वक्त उनके लिए संघर्षपूर्ण था लेकिन राजीव और सोनिया के रिश्ते की आपसी समझ और प्यार ने इन मुश्किलों को भी आसान कर दिया।

राजीव और सोनिया का प्यार शब्दों के दायरे में बांधा नहीं जा सकता है। सोनिया को राजीव most beautiful women I know कहा करते थे तो सोनिया के लिए राजीव उनके सपनों के राजकुमार थे। दोनों लोगों का एक दूसरे के प्रति ये समर्पण ही उनके सच्चे प्यार को बयां करता है।

कुछ प्रेम कहानियां भले की इतिहास में न लिखी जाए लेकिन कुछ प्रेम कहानी हमेशा जीवित रहती हैं। हमेशा अमर रहती है, पवित्र रहती हैं।


फोटो आभार- Free Press Journal

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