सावित्री बाई देश के प्रत्येक वर्ग की लड़कियों के लिए लड़कर स्कूल जाने का रास्ता खोला था । वो चाहती तो सिर्फ बहुजन लड़कियों के लिए ये सब करती । लेकिन उन्होने ऐसा नहीं किया । आज महिलाएं शिक्षा के क्षेत्र में इतनी बढ़ी हैं तो इनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता । देश की पहली महिला शिक्षिका होने गौरव सावित्री जी के नाम है । लेकिन इतिहासकारों तथा तथाकथित सरकार ने उनके योगदान को दबाने का कार्य कर रही है । ये बात तो सत्य है कि यदि सावित्री फुले सवर्ण समाज से होती तो इनके योगदान को और ज्यादा बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया जाता । विरोध करने वालो कान खुलकर सुन लो अब तुम दबाने कि कोशिश करोगे तो ज्वाला उतनी ही भड़केगी । आज की युवा पीढ़ी इन सभी बातों को समझने का प्रयास कर रही है । युवा लड़कियों में चारदीवारी से बाहर आने की ललक बढ़ रही है यही ललल आगे चलकर जिद बन जाती है और वे अपने जिद में सफल भी हो रही हैं । यही स्थिति रही तो अब हर घर से एक सावित्री बाई फुले का निकालना कोई आश्चर्य करने वाली बात न रहेगी ।
……जय सावित्री…………..हूल जोहार