एक औरत ही आगे की पीढ़ियों को और हमारे समाज को सशक्त बना सकती है। इसी बात को सत्य किया है कुछ महिला सामाजिक कार्यकर्ताओं ने जो प्रकृति, औरतों और समाज के विकास के लिए काम कर रही हैं।
हमने इस सूचि में 6 ऐसी महिला सामाजिक कार्यकर्ताओं के बारे में बताया है, जिन्होंने अपनी ज़िंदगी केवल समाज की बुराइयों को खत्म करने में लगा दी है।
1-डॉ. दिव्या गुप्ता
इंदौर की स्त्री रोग विशेषज्ञ, डॉ. दिव्या ने देश में होती आ रही महिलाओं के खिलाफ हिंसा से निराश और क्रोधित होकर “जस्टिस फॉर ज्वाला” नाम की संस्था को जन्म दिया। दिव्या इस संस्था द्वारा केवल औरतों को कानूनी तौर पर न्याय नहीं दिलाती हैं बल्कि लड़कियों और महिलाओं को आत्मरक्षा करना सिखाती हैं और उन्हें स्वाबलम्बी भी बनाती हैं।
2-जनक पल्टा
प्रकृति को धारणीय विकास दे रही पद्मश्री जनक पल्टा एक सोशल वर्कर हैं और जनक दीदी के नाम से भी जानी जाती हैं। पल्टा जिम्मी मगिलिगन सेंटर फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट की डायरेक्टर के साथ-साथ और भी बहुत सी संस्थाओं के साथ समाज और प्रकृति के विकास के लिए काम कर रही हैं। इन्होंने अपनी पूरी ज़िन्दगी केवल प्रकृति के लिए ही काम किया और आगे भी करती रहेंगी।
3- सोफिया
Women on wheels की संस्थापक सोफिया अपनी टैक्सी सर्विस के माध्यम से अनेकों औरतों को रोज़गार देती हैं। रोज़गार देने के साथ वे उनका मनोबल बढ़ाकर उन्हें स्वाबलम्बी बनाती हैं। आज इस संस्था ने बहुत सी औरतों की ज़िंदगी बदली है और बहुत से शहरों में अच्छा काम कर रही हैं।
4- स्वाति बेडेकर
“वात्सल्य फाउंडेशन” की सेक्रेटरी स्वाति बेडेकर ने गुजरात के गाँवों में कैसे एक टीचर होने के साथ-साथ एक ज़िम्मेदार नागरिक की तरह मासिक धर्म को लेकर रूढ़िवादी सोच को दिया पूर्ण विर्हांम। औरतों को स्वच्छता और सुरक्षा दे रही स्वाति औरतों के बेहतर कल के लिए “सखी” के जरिये काम कर रही हैं। एक औरत ही दूसरी औरत का भला बेहतर सोच सकती है और स्वाति बेडेकर ने यह बात सच कर दिखाई है।
5-नंदिनी कुच्छल
14 साल की लड़की नंदिनी कुच्छल जिसने समाज की एक विकट समस्या का समाधान करने का निर्णय लिया। वह समस्या जिसे हम HIV और AIDS के नाम से जानते हैं। इन नामों को सुनते ही हमें लगता है कि यह छुआ-छूत कि बीमारी है। इस बात को हमारे समाज के बड़े भी नहीं समझते लेकिन इस लड़की ने समझा और इस सोच को बदलकर HIV पीड़ितों को आम जीवन प्रदान करने के लिए फाइट रेड नाम का मिशन भी शुरू कर दिया। यह संस्था HIV पीड़ितों की देख-रेख करता है, उन्हें शिक्षा दिलाता है और कोशिश करता है कि वो एक आम जीवन बिता सकें बिलकुल आपके और हमारी तरह।
6-भारती सिंह चौहान
19000 से ज़्यादा लड़कियों का जीवन सुधारने वाली भारती सिंह चौहान प्रवीणलता संस्थान की संस्थापक और अध्यक्ष हैं। औरतों की शिक्षा, सुरक्षा और स्वास्थ्य सबसे अधिक महत्त्वपूर्ण है। जो मुश्किलें एक लड़की होने के नाते उन्होंने देखीं, वे नहीं चाहती थी कि और लड़कियां इन सब का सामना करें। इसलिए आज वे अपनी माँ और पति के समर्थन के साथ अनेकों लड़कियों की मदद कर रही हैं। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा सामाजिक उत्थान के कार्यों के लिए पुरस्कार भी प्राप्त कर चुकी हैं। 17 राष्ट्रीय ,अंतरराष्ट्रीय ,पुरस्कारों के साथ देश की 100 श्रेष्ठ पहल करने वाली महिलाओं में इनका नाम आता है।