हुकूमत के फ़रिश्ते बने फिरते हैं जो यहाँ दबावों में
उनके कर्मों के हिसाब के लिए यहीं खुदा भी हो
बहुत नजदीकियों में रहकर भी नही मिलता है प्यार यहाँ
क्योंकि जरूरी है कि जितना करीब हो उतना जुदा भी हो
©v@rshit soni
हुकूमत के फ़रिश्ते बने फिरते हैं जो यहाँ दबावों में
उनके कर्मों के हिसाब के लिए यहीं खुदा भी हो
बहुत नजदीकियों में रहकर भी नही मिलता है प्यार यहाँ
क्योंकि जरूरी है कि जितना करीब हो उतना जुदा भी हो
©v@rshit soni