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जिसकी मौत पर अपनी रोटी सेंक चुके हैं PM मोदी, उस परिवार का सहारा हैं “आप” सांसद संजय सिंह

दिल्ली में 2015 में जंतर मंतर पर एक किसान आंदोलन के वक्त दुर्घटना घटी थी, उसमें एक किसान भाई की जान चली गयी। वह राजस्थान के दौसा जिले के रहने वाले थे। यह मूर्ति उन्हीं किसान भाई गजेंद्र सिंह जी की है।

जब इन किसान भाई की मृत्यु हुई थी तो पूरा मीडिया आम आदमी सरकार को गाली देने में लग गया था, पूरा विपक्ष इन किसान भाई के घर पर जाकर उस परिवार को यह बताने में लगा था कि उनकी जान आम आदमी पार्टी की वजह से गयी है।

परिवार और गांव में सैकड़ों चैनल वाले खड़े थे, आम आदमी पार्टी के लिए आक्रोश का माहौल था , उसी माहौल में आम आदमी पार्टी के नेता, वर्तमान में राज्यसभा सांसद संजय सिंह जी वहां जाकर परिवार से मिले। उनको सच्चाई से वाकिफ कराया, उनकी सब बातें सुनी। उनके सुख दुख में साथ देने का वायदा किया। परिवार को उनकी बातों में दम लगी, सच्चाई दिखी। सबने संजय सिंह जी की बात पर भरोसा किया और माहौल सामान्य हुआ।

सांसद संजय सिंह जी ने शहीद किसान गजेंद्र सिंह जी के परिवार को जो प्रमुख वायदे किये थे उनमें से एक बड़ा वायदा था उनके बच्चों की अच्छी शिक्षा का इंतज़ाम करने का, दूसरा बड़ा वायदा था उनकी बेटी की शादी का, तीसरा वादा था उनकी स्मृति में एक स्मारक, चौथा वादा था शहीद किसान गजेंद्र सिंह जी के नाम पर किसानों के हक में एक सरकारी योजना चलाने का और सबसे आखिरी एक अनवरत वादा था वह था उनकी पुण्य तिथि पर होने वाले कार्यक्रम में प्रत्येक वर्ष उपस्थित होने का।

इसमें दूसरे वादे को छोड़कर सभी वादे नेता संजय सिंह ने पूरे कर दिए आज, इस बात की खुशी मैं शब्दों में बयां नहीं कर सकता। आज के दौर में जब नेता हर रोज़ वादे करके हर रोज़ भूल जाते हैं ऐसे में संजय सिंह जी का अपने वादे पर खरा उतरना राजनीति के बारे में मेरी सकारात्मकता को बढ़ाता है। मेरे अंदर व्यक्तिगत रूप से एक आत्मसंतुष्टि का भाव है, ऐसा लग रहा है जैसे वह वादे किसान गजेंद्र सिंह जी के परिवार के साथ नही मेरे साथ किये थे, मुझे फक्र है कि मैं एक ऐसे दमदार व्यक्ति के सानिध्य में हूं।

इसमें दूसरा वादा वह इसलिए पूरा नहीं किये क्योंकि अभी उनकी बेटी शादी के योग्य नही हुई है। वह इसको भी ज़रूर पूरा करेंगे, यह बात वह हर बार के अपने वकतव्य में बोलते हैं, उन्होंने आज भी बोला। बाकी वादों पर संजय सिंह जी एकदम खरे उतरे हैं। इन्ही वादों में से एक बड़ा वादा मूर्ति का अनावरण था जिसमे आज साँसद संजय सिंह जी दिल्ली के नेताओं को साथ लेकर दौसा उनके गांव पहुँचे है।

मुझे भी साथ मे एक बार जाने का मौका मिला था, गजेंद्र सिंह जी के भाई सांसद संजय सिंह जी से अपनी मांग जितने हक़ से रख रहे थे वह देखकर बहुत खुशी हुई थी । वह हक़ उनके और मृतक गजेंद्र सिंह जी के परिवार के बीच के अच्छे संबंधों की तरफ संकेत कर रहा था, जिसमे भरोसा भरपूर दिखाई दे रहा था और वादाखिलाफी नही थी।

किसान गजेंद्र सिंह के पैतृक गांव जहां पर उनकी पुण्यतिथि मनाई जाती है, वहां पर कई गांव वालों से मैंने बात किया। उनका कहना था कि मृत्यु के समय तो तमाम नेता आये, लंबे-लंबे वायदे किये, हमें कुछ लोगों पर भरोसा भी था, लेकिन कुछ लोगों को छोड़कर और सब तो पुण्यतिथि के आमंत्रण पर भी नही आते है। एक ही नेता हैं जिन्होंने वादा किया और उसको पूरा भी कर रहे हैं उनका नाम संजय सिंह है। खुलकर कहा कि आम आदमी के नेता संजय सिंह के वायदे भी हमे वैसे ही लगे थे लेकिन पहले साल से तीसरे साल में हम लोगों के विचार एकदम बदल गए। उन्होंने जितने वादे किए थे लिखकर पढ़ा था और उन्होंने आश्वाशन दिया था कि वह पूरे करेंगे और वह लगातार पूरे करते जा रहे हैं ।

Note- आज मैं एक सकारात्मक ऊर्जा से भरा हूं , इसलिए उन लोगों का उल्लेख नही करूँगा जो किसान गजेंद्र की मौत पर किसानों के हितैषी बनकर अपनी रोटियां सेंक रहे थे और आज पूछने भी नही जाते। उन सभी को शुभकामनाएं। इनमे सबसे असमर्थ व्यक्ति देश के चौकीदार मोदी जी है जिन्होंने कुछ देर में ही गजेंद्र की मौत का दोषी आम आदमी पार्टी को बना दिया था और ट्वीट कर दिया था।

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