यूं तो उसकी गलती भी क्या थी,
अब तो वो है भी नहीं
जिसकी थी,वोह जिंदा है,
फिर भी उसकी गलती क्या थी,
अच्छा हुआ चली गई वरना फिर कुछ होता,
यूं तो जिंदा फिर भी होती ,फिर भी कुछ ना होता
चले गए वोह सब आज़ादी दिलाने वाले,
तो तुमको बस अब कैद में रहना है,
यूं तो कभी बलिदान भी जरूरी रहता है,
बदलाव के लिए ,लेकिन वो क्यों अभी भी जिंदा है,
खैर तुमको क्या फर्क पड़ता है,
वोह तुम्हारा क्या लगता है।
छोड़ दो अब तुम्हे क्या फर्क पड़ता है!!!