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आखिर देश के खुदरा व्यापारी को बेच ही दिया !

सुषमा स्वराज के मशहूर ‘घूमर नृत्य’ की तस्वीरे तो बहुत से लोगो के जहन में होंगी लेकिन बहुत कम लोगो को यह याद है कि राजघाट का वह धरना, UPA द्वारा रिटेल सेक्टर में FDI की आमद के प्रस्ताव के खिलाफ किया जाने वाला प्रदर्शन था,

उस वक्त सुषमा स्वराज ने वॉलमार्ट जैसे सुपरमार्केट्स के खिलाफ यूरोपीय संघ के घोषणा पत्र का उद्धरण देते हुए कहा था कि वॉलमार्ट जैसे सुपरमार्केट पूरी दुनिया में किसानों को खराब कीमत अदा करते हैं। वे किसानों को कम कीमतें, कर्मचारियों को कम वेतन देते हैं, लेकिन मुनाफा ऊंचा रखते हैं। दुनियाभर के सुपरमार्केट्स यही करते है

“विदेशी किराना स्टोर यदि तीस फीसदी चीजें भारत की लेगें तो 70 फीसदी विदेश से। ये विदेशी माल कहां बनेगा? चीन में। वहां फैक्ट्रियां खुलेंगी और व्यापारी समृद्ध होंगे। लेकिन भारत के 12 करोड़ परिवारों के घरों में अंधेरा छा जाएगा”

bjp org पर कमल संदेश पत्रिका में वॉलमार्ट के मुद्दे मौजूदा वित्तमंत्री अरुण जेटली ने 2012 में लिखा था “घरेलू मैन्यूफ़ैक्चरिंग बंद हो जाएगा, अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सस्ते में माल ख़रीद कर बेचेंगे, चीन का माल यहाँ पट जाएगा भारतीय अर्थव्यवस्था का चरित्र ही है सर्विस सेक्टर उन्मुख, बिखरा हुआ बाज़ार उपभोक्ता के हित में होता है और संगठित बाज़ार विकल्प ख़त्म कर देगा”

जसवंत सिंह ने इकोनोमिक डेवलपमेंट क्वाटर्ली की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा था कि जहाँ भी वालमार्ट खुलता है आस पास की 35-60 प्रतिशत दुकानें बंद हो जाती हैं

उमा भारती तो इन सबसे दस क़दम आगे थी वो बोल रही थी कि भारत में वालमार्ट के स्टोर खोले गये तो वह उनमें आग लगा देंगी उस वक्त तो उन्होंने आग नही लगाई पर मुझे यकीन है कि दो तीन महीने के बाद वह अपने घर के कम्प्यूटर में जरूर आग लगा देगी

लेकिन एक शख्स ऐसा था जो उस वक़्त कुछ नही बोला बाद में उस शख्स ने भले ही झूठे मुँह यह कह दिया कि ‘देश नही बिकने दूंगा’ लेकिन वह चाहता था कि रिटेल में FDI आना चाहिए इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार उसने दिल्ली में छोटे व्यापारियों से कहा था कि बड़े रिटेल चेन से भागने की ज़रूरत नहीं है । सामना कीजिये । आनलाइन का लाभ उठा कर अपनी दुकान को वर्चुअल माल में बदल दीजिए

यह वही वॉलमार्ट है जिसके बारे में 2012 में विश्व की मशहूर पत्रिका वॉल स्ट्रीट जर्नल ने एक खबर में कहा था कि भारत में वॉलमार्ट द्वारा जिस संदिग्ध रिश्वत मामले का खुलासा हुआ है, उसमें गुजरात के निम्न पदों पर तैनात स्थानीय कर्मचारियों को छोटी-छोटी राशि का हजारों बार भुगतान किया गया, ताकि सीमाशुल्क (कस्टम) विभाग से सामान छुड़ाया जा सके या जमीन-जायदाद संबंधी मंजूरी प्राप्त की जा सके अखबार ने यह भी दावा किया कि ‘लोगों ने कहा कि भारी संख्या में 200 डॉलर से भी कम के कई बार भुगतान किए गए… कई बार तो पांच डॉलर तक की भी रिश्वत दी गई, लेकिन कुल मिलकर यह राशि करोड़ों डॉलर होगी।’

उस वक्त वॉलमार्ट के भारत मे प्रवेश के लिए जबरदस्त लॉबिंग की गयी थी आज वह लॉबी उसे प्रवेश भारत के बड़े बाजार में प्रवेश दिलाने में कामयाब हो गयी है, वह शख्स भी कामयाब हो गया है

वॉलमार्ट ने यह घूस उस व्यक्ति को भी खिलाई जो आज चुपचाप बैठा हुआ है और वह अपने सपनो को हकीकत में बदलता देख खुश हुआ , उसने देश बेच कर ही दम लिया ।

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