आज समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपने प्रेस कांफ्रेंस में कैराना और नुरपूर की जनता को धन्यवाद देते हुए कहा कि ये जीत सामाजिक न्याय, सामाजिक सद्भाव, चौधरीचरण सिंह जी की विरासत गरीब, किसान और मज़दूर की जीत है।
प्रेस कांफ्रेस में बैठे मनुवादी पत्रकारों ने आरएसएस के हिन्दु मुस्लिम एजेंडे के तहत अखिलेश यादव से सवाल किया कि क्या हम इसे “जाम” (जाट और मुसलमान) की जीत बोल सकते हैं?
इस पर अखिलेश यादव ने अपनी राजनैतिक परिपक्वता का परिचय देते हुए कहा कि इसे हिन्दु मुस्लिम में न बाँटों क्योंकि किसान, मज़दूर और गरीब हर धर्म में होते हैं इसलिये ये जीत उनकी है ना कि किसी धर्म की।
जब हम हिन्दु मुस्लिम पर बहस करने लग जाते हैं तो समाज के अपने मूल मुद्दे कोसो दूर छूट जाते हैं। इस कैराना उपचुनाव के दौरान एक तरफ़ योगी हिन्दु मुस्लिम को लेकर अखिलेश यादव को टार्गेट करते थे तो दूसरी ओर बहुत सारे औवैसी गैंग के लोग इनको टार्गेट करते थे।
अगर अखिलेश यादव भी इस उपचुनाव में हिन्दु मुस्लिम मुद्दे पर बहस करने लग जाते तो शायद आज जो राहत इस देश की जनता की मिली है वो ना मिल पाती।
योगी और ओवैसी गैंग की पूरी कोशिश थी कि अखिलेश यादव हिन्दु मुस्लिम बहस में पड़े लेकिन ये अखिलेश जी की राजनैतिक परिपक्वता ही है जो उन्होंने इसपर एक शब्द न बोला और पूरे चुनाव के दौरान किसानो, ग़रीबों, नौजवानों के मुद्दों को उठाते रहे।
सपा, बसपा, आरएलडी और तमाम छोटे छोटे दलो की एकता के वजह से आज कैराना से 16 वीं लोकसभा में उत्तर प्रदेश से पहली मुस्लिम सांसद पहुँची हैं।