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मेरी आत्मकथा के कुछ अंश भाग 1 Swapnil Struggler dewas

यदि मुझसे दोस्ती करना चाहते तो आप मुझे Facebook से इस नाम से सर्च करें           “SWAPNIL Struggler”

18 से 19 साल का उत्तर दे पिताजी घर छोड़ कर चले गए लाखों रुपए का कब्जा छोड़ गए थे रोज लोग पढ़ने आते थे घर में मेरे अलावा मेरी मां और बहन थे  रोज   लोग लड़ने  आते थे सारे रिश्तेदारों ने हाथ  खींच लिए थे बड़ी मुश्किल से एक कंपनी में ट्रक भरने और हम्माली करने का काम मिला बहुत ही कम पैसे मिलते थे परंतु भी  नगद मिलते थे शाम को  देर से आने को मिलता था काफी थकान महसूस होती थी क्योंकि मैं फिजिकली काफी कमजोर था बड़ी मुश्किल से शाम को आटा और सब्जी मिलती थी अधिकतर पैसे कर्जदारों को देने में चले जाते थे और गालियां अलग सुनने को मिलती थी कई सालों तक अलग-अलग कंपनियों में भटकने के बाद धीरे-धीरे मैंने पढ़ाने का काम शुरू करा जैसे तैसे अब काफी मेहनत करके लोगों का कर्जा दिया इस काम में मेरी बहन ने मेरी काफी सहायता की उसने कंधे से कंधा मिलाकर नौकरी की रोजगार किया इसी प्रकार जैसे तैसे हमने दिन निकाले धीरे धीरे हमने ट्यूशन पढ़ाना शुरू की स्कूलों में हमें काम मिलने लगा केवल एक व्यक्ति पढ़ाई कर सकता था इसलिए मैंने बहन को पढ़ाया और उसने इस चीज का मान रख कर पूरे कॉलेज में टॉप किया 3 सालों बाद बड़ी मुश्किल से पैसे जुटाकर मैंने फॉर्म भरा और मैंने ग्रेजुएशन पूरा किया इस बीच किसी भी रिश्तेदार का किसी भी प्रकार का आर्थिक या मानसिक सहयोग ज्यादा प्राप्त नहीं हुआ सब अपना स्वार्थ सिद्ध करके चले गए जिन लोगों के पिताजी ने मदद की थी उन्होंने भी हाथ खींच लिया कहने में बहुत कुछ है पर अगली कड़ी में बताता रहूंगा आप सभी मुझे Facebook पर सर्च कर सकते हैं नीचे गए दिए गए नाम से मेरी ID है

SWAPNIL Struggler

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