आज पहली बार अपने बैच वालों के लिए लिख रहा हूं। पढ़ना न पढ़ना यह उनके हाथ में है, पर मुझे तो लिखना है। क्योंकि यकीन मानो तुम्हारा संघर्ष , तुम्हारी परेशानियां इस वक्त तुम्हारे अलावा केवल मैं समझ सकता हूं। यह जो तूफान तुम्हारे अंदर उफन रहा है ना, यह केवल तुम नहीं झेल रहे हो। मैं, तुम और हमारे बैच का हर शख्स यह झेल रहे हैं ।
ऐसा इसलिए है क्योंकि इस दफा हमारी बारी है। किसी का बीटेक खत्म हो रहा है, तो किसी का ग्रैजुएशन। कोई प्लेसमेंट के लिए परेशान है, तो कोई गेट, सीडीएस, कैट, पीओ या सरकारी नौकरी के लिए। तुम्हारा लास्ट इयर जितनी जल्दी खत्म हो गया, यह साल उतना ही लंबा और उबाऊ होने वाला है।
कहने को तो आज के दौर के ज़्यादातर पेरेंट्स अपने बच्चे पर प्रेशर नहीं डालते। पर दिल पर हाथ रख कर कहो कि क्या उनकी इनडायरेक्ट एक्सपेक्टेशन्स उस प्रेशर की तरह ही नहीं है जो जल्द से जल्द तुम्हें नौकरी लेने को परेशान कर रही है?
एक और चीज़ होने वाली है इस साल। कई सारे सिंगर्स, राइटर्स, डांसर्स, क्रिकेटर्स, मॉडल, ऐक्टर और न जाने क्या क्या, यह सब उस नौकरी तले मेरे किसी बैचमेट के अंदर मर जाएंगे। इस हत्या पर तुम्हारे सिवा कोई नहीं रोयेगा। 10 से 4 की जॉब में तुम भी धीरे-धीरे यह गम भूल जाओगे।
मेरे बैचमेट्स पहले की तरह नहीं रह जाएंगे। वो आज़ादी, वो तूफानी वो बेझिझक अल्हड़पन कहीं बंध जाएगा। पहले की तरह sudden trips(सडेन ट्रिप्स) नहीं बनेंगी, मूवी प्लान्स नहीं बनेंगे। बातें करने के लिए ऑफिस आवर खत्म होने का इंतज़ार करना होगा। मिलने के लिए वीकेंड्स या छुट्टियों का, कभी महीनों तो कभी सालों इंतज़ार करना होगा। और सालों बाद भी मिलने पर फॉर्मैलिटीज़ होंगी, सीरियस टॉपिक्स पर बातें होंगी। पहले जैसा कुछ नहीं होगा।
मैं सिर्फ सवाल छोड़े जा रहा हूं। जवाब तुम मुझे इनबॉक्स में जरूर करना ।
“जो भी हो पर बदलना मत। क्योंकि तुम्हारी ओरिजिनैलिटी यूनीक है। तुम्हारे जैसा कोई और नहीं है।”