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अघोरी अमली सिंह का बुंदेली गीत: पानी है तो जहान है  

देखों भैया सुनो हमाई

कब तक देबी मौसम की दुहाई

जो काल बोहताई भारी पड़ रहो

जीगर कलेजा अपनों बर रहो

सूखो पड़ो जो अपनों जग मानस

कहूँ और जावे को मन नाहि

बड़े बड़े बोल बोल गए नेता

सबरे पापड़ तोल गए जेता

कछु समझ अब और ना आ रहो

कोनू राह नज़र ना आ रई

आत्मा सूखत ही जा रई

दूर दूर  तक ना बदली छाई

कैसे हो है ई बार बिवाई

जो बात बी दिमाग खा रई

पानी के लाने भी हो रही लड़ाई

कौनू धरे है कट्टा बैठो

कौनू लए तलवार

जो नीर के चक्कर में

अब होने का आर पार,

रूको भैया सुनो हमाई

बिन पानी है सब बेकार

समय रहे समझलो

जल्दी नहीं अपने

चल पड़े बा पार

सब कछु हो जाने बेकार

सूखो पड़ो जो पीपल अपनों

झड पड़ो है जंगल सारो

तानिक तो करो विचार

अघोरी अमली करे जन जन से

यही पुकार तानिक करो विचार

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