Site icon Youth Ki Awaaz

वो कौन से लोग हैं जिनको आज़ादी के नारे लगाने वाली लड़कियों से दिक्कत है?

ये वही लोग हैं जो हर बात पर अपनी बहन, माँ, पत्नी और गर्लफ्रेंड को यह बोलकर चुप करा देते हैं कि “तुमको समझ नहीं आएगा।” जो बोल रहे हैं कि कुछ लोग लड़कियों से आज़ादी का नारा लगवा रहे थे वो लड़कियों की राजनीतिक सोच समझ को कमतर आंकते हैं। हवा में मुट्ठी भांजकर आज़ादी का नारा लगाने वाली लड़कियां, भेदभाव और असुरक्षा के खिलाफ सड़क पर उतरने वाली लड़कियां अब इस देश की राजनीति में अपना पूरा हिस्सा लेंगी।

उनको दिक्कत होना लाज़मी है। जब लड़की इस व्यवस्था में अपना हिस्सा मांगेगी तो दिक्कत होगी। लड़कियों के आंदोलन से BHU में लंपटई और मारपीट करने वालों की राजनीति खत्म हो रही है तो दिक्कत तो होगी। वो कैसे बर्दास्त कर लें कि जिस लड़की के हाथ में वो पल्लू देखना चाहते थे उसके हाथ में प्लकार्ड्स हैं, जिनको नज़रें झुकाकर चलते देखना चाहते थे वो नज़रें मिलाकर अपना हक मांग रही हैं, जिनको धीमा बोलने की नसीहत देते थे उनकी आवाज़ को पूरा देश सुन रहा है।

आज़ादी एक रिश्ते की तरह होता है जो हर दिन परिपक्व होता है। इसके मूल्यों को हासिल करने के लिए बार-बार सड़क पर उतरना होता है। सड़क पर इतिहास लिख रही लड़कियों को महसूस करो।

बेखौफ घूमने की आज़ादी! रात को 10 बजे लंका पर चाय पीने की आज़ादी! अपने जीवन के फैसले खुद लेने की आज़ादी! वॉर्डेन के डर से आज़ादी! लड़कियों के चरित्र पर सवाल करने वाले प्रशासन से आज़ादी! हमारे संघर्ष को फंडेड बताने वाली प्रॉक्टर से आज़ादी! भद्दे कमेंट करने वालों से आज़ादी! महिलाविरोधी सोच से आज़ादी!

Exit mobile version