भ्रस्टाचार देखा,,
परिवारवाद देखा,,
महिला सशक्तीकरण देखा,,
किसान का हाल देखा,,
घोटाला देखा,,
आर्मी का जवान देखा,,
जनता का ख्याल देखा,,
जातिवाद का बवाल देखा,,
नोटबन्दी की मार देखा,,
GST की हार देखा,,
भुखमरी का वार देखा,,
अपराध बेशुमार देखा,,
राम मंदिर का ख्वाब देखा,,
गौहत्या पाप देखा,,
मरते बेगुनाह का बाप देखा,,
संघ की हुंकार देखा,,
गोडसे से प्यार देखा,,
सिर्फ भाजपा सरकार देखा
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आपका मित्र राहुल देव “आजाद”