तू कल अगर जाने ही वाला है ना तो आज ही जा
तू कल अगर जाने ही वाला है ना तो आज ही जा
कल गिर के संभालना ही ना तो बेहतर है आज ही सिख जाऊ
और कुछ बचे ना बचे ज़िन्दग़ी का यह एक दिन तो बचालू
जो रिश्ता कल शायद और मजबूत हो जाता उसे कच्चे मैं ही काट गिराऊं।
पता है मुझे, पता है मुझे की तकलीफ तो तुझे भी होनी है, क्योंकी मैं वह कमज़ोर अंग हु तेरा
जो तेरे ना चाहते हुए भी तुझसे जुड़ा हु
तुझे रोकने की मेरे पास वजह तो बहोत है, पर नियत नहीं है,
तुझे रोकने की मेरे पास वजह तो बहोत है, पर नियत नहीं है,
क्योंकि जिसे मेरी चाह ही ना हो, उससे जुड़े रहने पे मेरा कोई वजूद ही नहीं है।
काफी ज़िन्दगी मेने ठोकरों में ही तो गुजारी है ,
हाथो की इन लकीरो के सामने मेरे बाज़ुओं ने भी मार खायी है,
हर उस थोकर से गुज़र कर भी मेने उस पर एक सपना लिखा था,
हर उस ठोकर से गुज़र कर भी मेने उस पर एक सपना लिखा था,
तू आज जाते हुए उस एक सपने को भी ले जा रहा है ।
पता है मुझे, पता है मुझे की तेरे जाने के बाद मैं रोज ज़िंदा रहने की एक वजह ढूँनढूँगी
पता है मुझे की तेरे जाने के बाद में रोज ज़िंदा रहने की एक वजह ढूँढूँगी
पर मैं फिर भी तुझे नही रोकूंगी। मैं फिर भी तुझे नहीं रोकूंगी।
तू कल अगर जाने ही वाला है ना तो आज ही जा ।
मैं संभल जाऊंगी।