एह दुनिया के रीती भइल बढ़ खराब बा
केकरा पर करे भरोसा मानव भइल बेहाल बा
जे रक्षक रहे उहे बनल बा भक्षक
जनता के खून चूस के भइल बा दक्षक
साच बतिया जे कहेला उ त बागी बन जाला
इनका विरोध जे आवाज उठावे उ त देशद्रोही कहल जाला
कही पर दंगा त कही प रेप जइसन होत बा जघन्य अपराध
मौंन बा शासन -प्रसाशन मंत्रीगण कर रहल बाड़े अल्पाहार
बड़का -बड़का ढ़ींग हाके मंच पाके जनता के बीच
कर्म से त इ सब बाढ़े दुनिया के सबसे बड़ा नीच
आपन फायदा ला इ त कबहु जात -पात बेच देले
आपन मकसद ला इ त अपनों के भी बलि दे देले
कहे मोहित सभी नौजवानन से अबकी इहे बा पुकार हो
धर्म के आड़ में मत कर भईया कवनो दंगा बहार हो