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इनके राज में कभी मूर्ति नही टूटी, ना ही इनके राज में कभी मस्जिद टूटी – शहजादा अफरोज

इनके राज में कभी #मूर्ति नही टूटी, ना ही इनके राज में कभी #मस्जिद टूटी !
प्रशासन चलाने की #अद्वितीय खूबी है इन दो नेताओं में, #लालू_प्रसाद_यादव और #बहन_मायावती !
दोनों नेता इंसान के जान की कीमत समझते हैं, दंगों में सिर्फ गरीब इंसान मरते हैं नेता और मंत्री नही मरते !
शासन चाहे कांग्रेस का रहा हो या बीजेपी का दोनों के राज में खूब दंगे हुए, आज भी हो रहे हैं !
आज बिना लालू के भगवा राज में बिहार दंगो की चपेट में क्यों है ?
जिस वर्ग ने कभी बुद्धि का कोई काम नही किया, कोई उत्पादन नही किया आप लोग उन्हें 70 सालों से दिल्ली की गद्दी सौपों हुए हो !
बुद्धि का काम करने वालो को, उत्पादन करने वालों को आपलोग दिल्ली की गद्दी के लायक नही समझते, जब की दिल्ली की गद्दी के असली हक़दार येही लोग हैं !
आप लोगो ने 70 सालों से सत्ता पर बुद्धिहीन ब्राह्मण जमात को बैठाया है, बुद्धिमान नेताओं को जेल में केस में फसा कर उन्हें दिल्ली की सत्ता से दूर रखने का षड़यंत्र बुद्धिहीन ब्राह्मण नेता कर रहे हैं !
पढ़िए 1990 में अडवाणी के गिराफ्तार करने से पहले बब्बर शेर लालू प्रसाद यादव ने क्या कहा था ——–
” मैं लालू प्रसाद यादव मुख्य मंत्री के नाते इस मंच के माध्यम से लाल कृष्ण आडवाणी से अपील करना चाहता हूँ, अपनी रथ यात्रा को स्थगित करके वे दिल्ली वापस लौट जाएँ !
देश हित में अगर इंसान ही नही रहेगा तो मंदिर में घण्टी कौन बजाएगा, जब इंसान नही रहेगा तो मस्जिद में इबादत देने कौन जेयेगा ?
हम 24 घण्टे निगाह रखा हूँ, हमने अपने शासन के तरफ से अडवाणी जी की सुरक्षा का पूरा व्यवस्था किया हूँ !
और एक नेता और एक प्रधानमंत्री की जान का कीमत जितना है उतना इंसान के जान का भी कीमत है !
हम अपने राज में दंगा फसद को फैलने नही दूंगा !
जहां दंगा फ़ैलाने का नाम लिया, जहाँ बावेला खड़ा करने का नाम लिया !
फिर हमारे साथ चाहे राज रहे या राज चले जाए, हम इसपर कोई समझौता करने वाले नही “
———- बाद में अडवाणी गिराफ्तार हुए, बिहार में धर्म के नाम दंगा नही हुआ, और एक भी इंसान को मरने नही दिया लालू ने !
इंसानी जान को भगवान नही लालू जी और बहनजी बचाते हैं !
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