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झूठ फैला रहे “पैरोडी ट्विटर अकाउंट्स” से बचने के लिए हमें सर्तक होना ज़रूरी है

ट्विटर भारत में सबसे लोकप्रिय सोशल मीडिया में से एक है। इसका बाज़ार इतना बढ़ गया है कि कई लोग ट्विटर पर समाचार संगठनों का प्रतिरूपण कर नकली समाचार प्रचारित करने लगे हैं। ये प्रतिरूपी अकाउंट्स जिन्हें ‘पैरोडी अकाउंट’ भी कहते हैं, अपने ट्वीट पर हज़ारों रीट्वीट पा रहे हैं। इसका साफ मतलब यह है की इन ट्वीट की पहुंच हज़ारों से लाखों लोगों तक होती है। पैरोडी अकाउंट समाचार संगठनों के प्रोफाइल की तस्वीर ज्यों की त्यों लगा लेते हैं, जिससे लोग बहुत ही आसानी से गुमराह हो जाते हैं। अमेरिका जैसे विकसित देश तक फेक न्यूज़ की समस्या का सामना कर रहे हैं। 

कुछ दिन पहले राणा अय्यूब भी इसका शिकार हुईं, जिसकी जानकारी उन्होंने ट्वीट के ज़रिए दी थी। फेक पोस्ट में लिखा गया था कि राणा अय्यूब का कहना है, “छोटे बच्चे के बलात्कारी भी मनुष्य हैं, क्या उनके पास कोई मानव अधिकार नहीं है” पर ये झूठ था।

‘पैरोडी अकाउंट’ द्वारा फैलाई जाने वाली फेक न्यूज़ की इस प्रक्रिया में कई सारी राजनीतिक पार्टियां भी शामिल होती हैं, जो अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए इन्हें अपना सपोर्ट प्रदान करती हैं।

इलेक्शन के समय कथित रूप से ट्रोल्स को पार्टियों द्वारा डोनेशन दिया जाता है जिससे वो उनके प्रतिद्वंद्वी की छवि को धूमिल कर सकें।

ये पैरोडी अकाउंट कुछ भी लिख देते हैं और गलतफहमी के कारण लोग इसे सच समझकर अपने विचार बदल लेते हैं। हालांकि इससे बचने के लिए ट्विटर, अकाउंट का वेरिफिकेशन भी करता है, जिससे लोगों को सत्यापित अकाउंट का पता चल सके। लेकिन, बावजदू सभी सावधानियों के लोग धोखा खा जाते हैं।

पर इसमें भी अभी कई खामियां हैं, कई लोग जिनके अकाउंट मौजूद ही नहीं हैं, उनके भी पैरोडी अकाउंट बना दिए गए हैं। ऐसे कई अकाउंट के तो 18  लाख से ज़्यादा फॉलोवर्स भी हैं। कटरीना कैफ ट्विटर पर औपचारिक रूप से नहीं हैं पर उनके एक फैनक्लब के 18 लाख से ज़्यादा फॉलोवर्स हैं। कुछ अकाउंट्स ऐसे भी हैं, जो सच्चे हैं पर ट्विटर द्वारा अभी तक सत्यापित नहीं किए गए हैं। इसमें सलमान खान के पिता सलीम खान का अकाउंट भी शामिल है। देखिये उन्होंने क्या लिखा है-

इस बारे में ट्विटर का कहना है-

“ट्विटर ने अपने यूज़र्स को एक ऐसा प्लैटफॉर्म दिया है जहां वो बड़े स्तर पर अपने आइडिया और कंटेट शेयर भी कर सकते हैं और दूसरों के ज़रिए हासिल भी कर सकते हैं। और हम अपने यूज़र्स के अभिव्यक्ति के अधिकार का सम्मान करते हैं। हमारे यूज़र्स अपने द्वारा पब्लिश कंटेट के लिए पूरी तरह से उत्तरदायी हैं और अक्सर आपसी विवादों को सुलझाने की बेहतर स्थिति में भी होते हैं। इन सिद्धांतों की वजह से हम सक्रिय रूप से अपने यूज़र्स के कंटेट को मॉनिटर नहीं करते हैं। किसी सेवा शर्तों के उल्लंघन या किसी कानूनी कार्यवाही के जवाब की परिस्थिति के अलावा हम अपने यूज़र्स के कंटेंट को एडिट या हटाते नहीं है।”

अभिव्यक्ति की आज़ादी के नाम पर लोग कुछ भी लिखते रहते हैं और वो हज़ारों लोगों तक पहुंच जाता है। ट्विटर कुछ अकाउंट बंद भी करता है मगर वो लोग नया अकाउंट फट से बना लेते हैं। अब ये लोगों को देखना और समझना होगा कि वो जो कुछ भी देख या पढ़ रहे हैं उसकी प्रमाणिकता की जांच भी स्वयं कर लें। आज के समय में झूठ को एक संगठित रूप से फैलाया जाता है जिसे भारत की भोली-भाली जनता सच मानकर अपने विचार बदल लेती है।

इन सबसे बचने का सबसे अच्छा उपाय है कि हमेशा अपने विवेक का इस्तेमाल करें और किसी भी खबर या जानकारी पर विश्वास करने से पहले उसकी प्रमाणिकता का पता ज़रूर कर लें।

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