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बचा ले बचा ले खुद को योग पर आधारित कविता – अघोरी अमली सिंह

कुछ करों अब खुद को बचाने कों
आत्म चिंतन खुद का जगाने को
रोगों को दूर भगाने को
अंदर का शेर जगाने को
चलो चलो चलो चलो
करो सूर्य नमस्कार 
करो प्राणायाम
अनुलोम विलोम , कपाल भारती
करेगी तेरा कल्याण
बचा ले बचा ले
खुद को तू बचा ले
गिर मत बंदे खुद को तू उठा ले
मानसिकता को बदलकर
मॉसपैसियो की थकान मिटा ले
जीवन को अंतरात्मा से मिला ले
बचा ले बचा ले 
खुद को तू बचा ले

                                                                                                              लेखक – अघोरी अमली सिंह

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