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सिंधिया ने ट्वीट कर ईमानदार अफसरो के बचाव के पक्ष में शिवराज को दी चुनौती

B-52, MUM - 190802 - AUGUST 19, 2009 - Mumbai : Union Minister of State for Commerce and Industry Jyotiraditya Scindia (R) and FIEO vice president and chairman S K Saraf during a meeting, organised by Federation of Indian Exports Organisations in Mumbai on Wednesday. PTI Photo

बीते दिनों मध्यप्रदेश में हुए ई टेंडरिंग घोटाले को आईएएस अधिकारी और मैप आईटी विभाग के प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी ने उजागर किया था, जिसके बाद पहले उन्हें जबरन अवकाश पर भेज दिया गया था। फिर आनन-फानन में दो दिन बाद उनको उनके पद से हटा दिया गया है । विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग का प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी के स्थान पर 1991 बैच के आईएएस अधिकारी प्रमोद अग्रवाल को जिम्मेदारी सौंपी गई है। इतना ही नही संभावना जताई जा रही थी कि आईएएस को छुट्टी पर भेजकर घोटाले को दबाने और सबूतों से छेड़छाड़ करने की कोशिश की जा रही थी। इस बीच सरकार ने आईएएस को पद से ही हटा दिया। अब तक रस्तोगी पूरे टेन्डर सिस्टम की छानबीन में जुटे हुए थे और उन्होंने सरकार को भेजी रिपोर्ट मे यह आशंका व्यक्त की थी कि टेन्डरो मे सुनियोजित तरीके से छेड़छाड़ की जा रही है । इस पूरी प्रक्रिया में ठेका कंपनियों के साथ वरिष्ठ अधिकारियों की भूमिका भी सवालिया निशान के घेरे में है । आनन फानन में मुख्यमंत्री ने इसकी जांच ईओडब्लू को सौंपी है।

सिंधिया ने इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज को चुनौती दी है। हालांकि सिंधिया इसके पहले भी फिटनेस चैलेंज के नाम पर  मुख्यमंत्री शिवराज को 19 चुनौतियां दे चुके है। अब ये 20  वीं चुनौती है। सिंधिया ने ई-टेंडरिंग मामले को लेकर शिवराज को चुनौती दी है।उन्होंने इस मामले में ईमानदार अफसरों को छोड़ दोषी और भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कदम उठाने को कहा है। सिंधिया ने ट्वीटर के माध्यम से शिवराज को चुनौती दी है।सिंधिया ने ट्वीट कर लिखा है कि  शिवराज जी, आपके लिए चुनौती #20 –  सज़ा पा रहे हैं अफसर ईमानदार, भ्रष्ट अधिकारियों के ख़िलाफ़ भी तो क़दम उठाइये सरकार। मप्र में हाल ही में हुए ई-टेंडरिंग मामले को लेकर संग्राम छिड़ा हुआ है। एक तरफ सरकार इस मामले में लीपापोती करने में लगी हुई और दूसरी तरफ विपक्ष सरकार को घेरने में लगा हुआ है।

सिंधिया हमेशा सच को बेबाकी से बोलते है, मुद्दा कोई भी, चाहे संसद हो, इंटरव्यू. कोई भी मुद्दा हो जनता के बीच जाकर उनका मसीहा बन उनके दर्द में साथ रहते है.सिंधिया ने ट्वीट कर दुबारा न्याय के पक्ष में अपनी आवाज़ बुलंद की है, साथ ही ईमानदार अफसरो के बचाव के पक्ष में अपनी बात बेबाकी से रखी है। सिंधिया अपने पिता पूर्व केंद्रीय मंत्री माधवराव सिंधिया के असमय निधन के बाद राजनीति में आए और वर्ष 2002 में हुए उपचुनाव में जीतकर पहली बार लोकसभा पहुंचे। उसके बाद लगातार 2004, 2009 और फिर 2014 के लोकसभा चुनाव में निर्वाचित हुए। वह केंद्र सरकार में केंद्रीय प्रौद्योगिकी और दूरसंचार व वाणिज्य तथा उद्योग मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) भी रहे।  समूचे देश की जिम्मदारी सिंधिया को दी गयी तो देश में भ्रष्टाचार को सिंधिया एक बड़ी चूनोती देकर जनता के हित अहम भूमिका निभाएगे।

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