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मुंबई के दीपेश टैंक ने 140 यौन उत्पीड़कों को कराया गिरफ्तार

गौर से देखा जाए तो ना जाने कितनी ही लड़कियां और महिलाएं रोज़ गन्दी निगाहों, छेड़छाड और बलात्कारों का शिकार होती हैं। ज़्यादातर जनता ऐसी खबरें बस अखबारों में पढ़ लेती है या टीवी में समाचार सुन लेती है, इससे ज़्यादा कोई कुछ नहीं कर पाती। लेकिन हर आदमी हाथ पर हाथ धरे नहीं बैठता, ऐसे ही एक व्यक्ति हैं दीपेश टैंक।

2012 में हुए निर्भया कांड ने दीपेश को पूरी तरह से हिला दिया था। उस दिन से दीपेश ने ठान लिया था कि वे जितना हो सके उतनी लड़कियों के लिए सुरक्षित जगह बनाने की कोशिश करेंगे। जब ठान लिया था तो आज दीपेश ने यह मुमकिन भी कर दिखाया। उन्होंने अब तक 140 यौन उत्पीड़कों और छेड़छाड करने वालों को गिरफ्तार करवा ही दिया।

इनकी कहानी जानने के लिए देखें यह जोश Talk

मुंबई की बस्तियों में पले-बढ़े दीपेश टैंक ने हमेशा अपनी मां को काम करते देखा। अपने आस-पास उन्होंने बहुत सी बार औरतों के साथ आदमियों को बत्तमीज़ी करते देखा। समाज की बुराई को खत्म करने के लिए उन्होंने पुलिस को शिकायत करके भी बताया लेकिन कोई बिना सबूत के मानता नहीं है। 2013 में अपने 9 और दोस्तों के साथ मिलकर “वॉर अगेंस्ट रेलवे राउडिज़” नाम के अभियान की शुरुआत की। मुंबई लोकल्स में सफर करते समय लगभग 85 प्रतिशत महिलाएं छेड़खानी का सामना करती हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए उन्होंने अपना काम शुरू किया और कुछ 6 महीने बाद ही पुलिस भी उनके साथ हो गई थी।

जब बात आती है कि साबित करो ऐसा होता है या नहीं तो सबके हाथ खड़े हो जाते हैं। लेकिन दीपेश ने इसका भी हल ढूंढ निकाला, उन्होंने ऐसे सनग्लासेस लिए जिसमें एचडी कैमरा फिट होता है और आराम से रिकॉर्डिंग करके सबूत इक्कठे किए जा सकते हैं। इस प्रकार वे औरतों की मदद करते हैं। साथ ही किसी को पता भी नहीं चलता और वे अपना काम करते रहते हैं। इसके अलावा दीपेश का “युथ फॉर पीपल” नाम का एक एनजीओ भी है। इस एनजीओ के द्वारा वे हर प्रकार के ज़रूरत मंदों की सहायता करते हैं। समाज सुधारने में और उसे एक सुरक्षित स्थान बनाने में दीपेश अपना पूर्णतः योगदान रहे हैं।

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