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क्यों महिलाएं ब्रेक के बाद जॉब के लिए इंटर्नशिप का रास्ता चुन रही हैं

कामकाजी महिलाओं के लिए अपने काम और निजी जीवन के बीच संतुलन बनाये रखना काफी चुनौतीपूर्ण साबित होता है, खासकर तब जब उनका विवाह हो जाता है और उनकी घरेलू ज़िम्मेदारियां बढ़ जाती हैं।

जीवन कभी-कभी इतना व्यस्त हो जाता है कि किसी भी एक काम पर अच्छे से ध्यान देना लगभग असंभव हो जाता है। इससे उनके व्यवसायिक और निजी जीवन, दोनों पर बुरा प्रभाव पड़ता है। परिणामस्वरूप वे अपनी पारिवारिक ज़िम्मेदारियां संभालने के लिए अपने करियर से ब्रेक लेने का निर्णय ले लेती हैं। समय के साथ ज़िम्मेदारियां  कम हो जाती हैं और महिलाएं उन्हें अच्छे से संभालना भी सीख जाती हैं।

अब खुद के पास बचे खाली समय में उनके मन में काम पर वापस जाने की एक इच्छा जागती है, किन्तु करियर में लिए लम्बे ब्रेक और घटे हुए आत्मविश्वास के कारण उन्हें ऐसा करने में कठिनाई का सामना करना पड़ता है। यही कारण है कि अधिकतर महिलाएं अपने करियर से ब्रेक लेने में संकोच करती हैं।

लेकिन अब उन्होंने अपने करियर को पुनः आरम्भ करने के लिए एक नया रास्ता ढूंढ़ लिया है- ‘इंटर्नशिप फॉर वीमेन’ अर्थात् महिलाओं के लिए इंटर्नशिप।

बड़ी संख्या में महिलाएं अपना करियर फिर से शुरू करने के लिए इंटर्नशिप का रास्ता चुन रही हैं। ऐसा ही एक उदाहरण है विद्या अमर का, जो एक प्रतिष्ठित कम्पनी में सॉफ्टवेयर डेवेलपर के रूप में काम करती थीं। अपने बेटे की देखभाल करने  के लिए उन्होंने अपने करियर से एक दशक लम्बा ब्रेक लिया। वह खुश थी कि अब वह अपने बेटे की परवरिश और अपनी घरेलू ज़िम्मेदारियां अच्छे से पूरा कर सकती थीं, लेकिन इससे उन्हें पूर्ण संतुष्टि नहीं मिल रही थी।

विद्या एक महत्त्वाकांक्षी महिला हैं, अतः वह अपने पैरों पर वापस खड़ी होना चाहती थीं। कुछ वर्ष बाद जब उनका बेटा थोड़ा बड़ा हो गया तो उन्होंने अपना व्यवसायिक जीवन पुनः शुरू करने का निर्णय लिया। वर्तमान पेशेवर दुनिया के अनुसार कौशल प्राप्त करने के लिए उन्होंने एंड्रॉइड डेवेलपमेंट सीखा और कुछ साधारण एप्स के कोड लिखने लगीं, लेकिन अभी भी उनका आत्मविश्वास इतना मज़बूत नहीं था कि वह फुल-टाइम नौकरी कर सकें।

अतः अपने करियर की ओर एक छोटा लेकिन अत्यंत महत्वपूर्ण कदम बढ़ाते हुए उन्होंने एक इंटर्नशिप की और एंड्रॉइड एप डेवेलपमेंट में प्रैक्टिकल अनुभव प्राप्त किया और अपना आत्मविश्वास वापस पाया। इस प्रकार एक इंटर्नशिप ने विद्या के स्थगित करियर को एक नया जीवन दिया।

विद्या की तरह अनेक महिलाएं इंटर्नशिप के माध्यम से अपना करियर पुनः आरम्भ कर रही हैं। इसका कारण समझने के लिए हमने 150 महिलाओं के साथ एक सर्वेक्षण किया और यह पाया कि उनमें से ज़्यादातर अपनी पारिवारिक ज़िम्मेदारियों के चलते या तो अपना करियर शुरू ही नहीं कर पायी या कुछ समय बाद उन्हें अपने करियर से ब्रेक लेना पड़ा।

परन्तु उनके मन में हमेशा अपनी खुद की एक पहचान बनाने और आत्मनिर्भर बनने की इच्छा थी। कुछ समय बाद उनकी ज़िम्मेदारियां कम हो जाती हैं, लेकिन पर्याप्त कौशल और आत्म-विश्वास ना होने के कारण वे अपना करियर फिर से शुरू नहीं कर पाती। चूंकि इंटर्नशिप की अवधि 2-6 महीने ही होती है और यह लचीली प्रकृति की होती है, इसलिए महिलाओं के लिए यह सबसे बेहतर उपाय है वापस से अपना व्यवसायिक जीवन शुरू करने के लिए। नीचे मैंने 3 कारण सूचित किए हैं कि क्यों महिलाएं अपना करियर आरंभ या पुनः आरंभ करने के लिए इंटर्नशिप का रास्ता चुन रही हैं।

लचीले कार्य विकल्प- अक्सर करियर ब्रेक लेने के कुछ वर्ष बाद महिलाएं अपनी दिनचर्या में थोड़ा खाली समय पाती हैं लेकिन यह समय एक फुल टाइम नौकरी करने के लिए पर्याप्त नहीं होता। ऐसे में महिलाएं लचीले कार्य समय वाले विकल्प ढूंढती हैं, लेकिन बहुत सी नौकरियां ऐसी होती हैं जिनको करने के लिए आपका कार्यालय में उपस्थित होना और अपना पूरा ध्यान केंद्रित करना महत्त्वपूर्ण होता है। अतः अब काम की खोज में महिलाएं इंटर्नशिप की ओर बढ़ रही हैं क्योंकि बहुत सी इंटर्नशिप पार्ट-टाइम या घर से काम करने का विकल्प देती हैं।

कुछ नया सीखने का अवसर- अपने काम से लम्बे समय के लिए दूर रहने के कारण कभी-कभी उनकी रूचियां बदल जाती हैं। ऐसे में वे इंटर्नशिप के साथ एक नए क्षेत्र में अपने करियर की शुरुआत कर सकती हैं। एक अन्य पहलू यह भी है कि अपनी पुरानी नौकरी के चलते वे अपनी असली रूचि के अनुसार काम नहीं कर पाती थी, लेकिन अब इंटर्नशिप उन्हें ऐसा करने का अवसर देती है। ऐसा ही उदाहरण है-पल्लवी का। वह एक कम्पनी में प्रोडक्ट टेस्टिंग का काम करती थी लेकिन अपने पति के ट्रांस्फर के बाद उन्होंने अपनी यह नौकरी छोड़ दी। फिर जब कुछ समय बाद उन्होंने अपना व्यवसायिक जीवन पुनः आरम्भ करने का सोचा तब उन्होंने निर्णय लिया अपने घूमने-फिरने की रुचि के अनुसार काम करने का। अतः उन्होंने एक कंटेंट राइटिंग की इंटर्नशिप की जिस में उन्हें यात्रा और पर्यटन पर लेख लिखने होते थे।

व्यवसायिक और निजी जीवन में संतुलन- एक विस्तारित ब्रेक के बाद एक दम से काम पर वापस लौटना बहुत चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है। इससे महिलाओं के लिए कार्य और घरेलू जीवन में संतुलन बनाना कठिन हो जाता है। नौकरियों की तुलना में इंटर्नशिप के लिए आपकी कार्य प्रतिबद्धता कम होती है इसलिए महिलाएं नौकरी शुरू करने से पहले इन्टर्नशिप कर रही हैं ताकि वे धीरे-धीरे अपने काम के साथ घरेलू ज़िम्मेदारियां भी संभाल सकें और अंत में फुल-टाइम काम भी कर पायें।

(लेखक के बारे में- सर्वेश अग्रवाल, एक इंटर्नशिप व ट्रेनिंग प्लेटफॉर्म, ‘इंटर्नशाला’ के संस्थापक व सी.ई.ओ. हैं।)_

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फोटो प्रतीकात्मक है

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