वैसे तो बारिश का मौसम शुरू नहीं हुआ था मुंबई में। मौसम विभाग के अनुसार 7 जून के बाद ही मॉनसून आने वाला है पर मौसम है बारिश का, बताकर आये तो गुरुर न खो जाये इनका। ऐसा ही कुछ हुआ 4 जून 2018 के शाम को। बिलकुल भी अनुमान नहीं था कि बारिश होने वाली है। हमेशा के जैसे शाम को सड़कों पर बहुत भीड़ थी। दफ्तर से लोगों के छूटने का वही समय होता है।
मैं उस समय अपने एक क्लास में थी, घर जाने के लिए जैसे ही रेलवे स्टेशन पहुंचे, तेज़ बहुत तेज़ हवा के साथ बारिश होने लगी। हलांकि कोई तैयारी नहीं थी कि बारिश होगी ही, पर स्टेशन पहुंचते-पहुंचते बहुत से मेरे जैसे लोग भीग गए। और जैसा कि मैंने बताया मौसम विभाग के मुताबिक बारिश अगले हफ्ते होने वाली है ऐसा सोचकर शायद हमारे नगर प्रशासन ने काम शुरू नहीं किया है। खैर उनके आलसीपन का नतीजा ये था कि सड़कों पर पानी भर गया। ऐसे में लोगों को कहीं भी आने-जाने में समस्या का सामना करना पड़ा।
सब जगह भीड़ हो गयी और घर जाने के लिए सब रिक्शा के लिए खड़े थे। अब ऐसे ही समय तो हमारे मुंबई के रिक्शा वाले और टैक्सी वाले चाचा जी को अपनी पहचान बनाने का मौका मिलता है। वे अपनी रिक्शा खड़ी कर, कहीं भी जाने से इनकार करने लगे। अब इतनी बारिश में लोग बिना छाता के भीग-भीग कर रिक्शा रोकने की कोशिश करने लगे।
अब सोचने वाली बात ये हैं की “Ola’ “Uber” के ज़माने में हम रिक्शा क्यूं रोक रहे थे पर बात थी सिर्फ 15 मिनट के रास्ते की जहां आप ओला बुक नहीं कर सकते वो भी तब जब आपका मोबाइल बंद रहे।
मेरे साथ एक अंकल जी भी थे जो काफी बुज़ुर्ग थे पर उनके लिए भी कोई रिक्शा नहीं रुका। लोग ऐसे कैसे हो जाते हैं? एक पल के लिए लगा उनकी शिकायत करनी चाहिए पर कहां? मुझे इसकी जानकारी नहीं, पर हां करना ज़रूरी है। अगर आपको पता हो कुछ तो कृपा करके हमे बताएं, ताकि आने वाले समय में ऐसा ना हो। मनमानी रोकना ज़रूरी है, मुंबई की बारिश और रिक्शा वालों की मनमानियों के बीच लोग फंस जाते हैं।