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ब्रजेश ठाकुर की हंसती हुई तस्वीर इस समाज के लिए काफी डरावनी है

यकीनन आज से पहले कई खौफनाक तस्वीरें देखी होंगी आपने, कुछ भूत-पिशाचों की तो कुछ रहस्य्मयी तरीके से विचित्र चेहरे आपको डराने में कामयाब रहे होंगे। कुछ तस्वीरों में क्रूरता दिखी होगी तो कुछ में अकूट गुस्सा, जिसकी वजह से डर आपके दिल में घर कर गया होगा। मगर इस तस्वीर को देखें, ये आज के वक्त की सबसे डरावनी तस्वीर है। ये हंसता हुआ चेहरा, हाथों में पुलिसिया हथकड़ियां और आंखों में “क्या उखाड़ लोगे वाला” एटीट्यूड इस ब्रजेश सिंह के अकेले की नहीं बल्कि क्रूरता, हिंसा, और बलात्कार को जस्टिफाई करते हुए हमारे समाज की तस्वीर है।

इस व्यक्ति की आंखों में शर्म की जगह जो “हां किया तो” वाली चमक है वह आज के सरकारी तंत्र की नाकामयाबी को चरितार्थ करती है। हाथों में हथकड़ियां महज़ शोपीस हैं जैसे कोई खिलौना सा टंगा हो हाथों में। इस सफेद कमीज़ के पीछे का वो इंसान इसलिए नहीं हंस रहा कि उसने कोई गुनाह किया है और पुलिस उसे हवालात लेकर जा रही है, बल्कि उसे यकीं है इस नकारी सरकारी व्यवस्था पर जिसमें उसके कई चाचा ताया बैठे हैं उसे छुड़वाने और उसके गुनाह को विपरीत दिशा में मोड़ कर किसी और पर दोष मढ़ने को। अगर दोष सिद्ध हो भी जाता है तो हाईकोर्ट सुप्रीम कोर्ट करते करते सालों बीत जायेंगे, और वाकई जो सज़ा मुकर्रर होनी चाहिए उसकी बजाय ये एक आराम की स्वाभाविक ज़िंदगी जिएंगे।

ये तस्वीर कई मायनों में डरावनी है। ये उस राक्षस की तस्वीर है जो बच्चियों का बलात्कार करने के साथ साथ उन्हें कई तरह की शारीरिक और मानसिक यातनाएं भी देता था जिससे वो मजबूर हों। मसलन भूखा रखकर ड्रग्स देना, खाने में नशे की दवाई मिला देना, मारना-पीटना, बदन और अंगों पर गरम पानी और तेल उड़ेल देना। सोचिये जब आपको पढ़ने में इतनी तकलीफ हो रही है तो उन बच्चियों पर इतने वक्त से क्या गुज़र रही होगी? इतनी क्रूरता के बाद इंसान तभी हंस सकता है जब उसे उसे बच निकलने का भरोसा हो। जब उसे भरोसा हो ना तो पुलिस उसका कुछ उखाड़ सकती है और न ही सरकार।  

ये चेहरा आज के दौर की सबसे भयावह तस्वीर है, मगर उससे भी भयावह है इस चेहरे की हंसी क्योंकि ये हंसी न सिर्फ उस राक्षस के खुद के किये का कोई अफसोस ना होने को दर्शाता है बल्कि साथ ही साथ हमारे समाज की उस नंगी तस्वीर को भी उजागर करता है जहां सिर्फ गोश्त के एहसास भर पर भीड़ किसी की बेरहमी से हत्या कर सकती है मगर बेटियों को नोच कर खाने वाले सिस्टम के मुंह पर हंसकर सीना ताने चल रहा है।  

यह सिर्फ एक बालिका गृह है, यकीनन ऐसे कई आश्रय स्थलों में इंसानियत को तार तार किया जाता होगा और हमारे कानों पर जू तक नहीं रेंगती। अगर TISS की रिपोर्ट में इस बालिका गृह का खुलासा नहीं होता तो शायद आज भी ये दरिंदा अपने कुकृत पर हंसता मुस्कुराता कायम रहता।

आइये इस भयावह हंसी के गवाह बनें और चुप चाप अपने घरों की टीवी स्क्रीन्स से चिपके रहें क्योंकि शर्म हमें आती नहीं।

फोटो- ट्विटर

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