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बिना कोचिंग के कैसे क्रैक करें UPSC जैसे एग्ज़ाम, IPS संदीप चौधरी के टिप्स

कई लोग सारा समय अपने बुरे हालातों को कोसने में निकाल देते हैं कि पैसे नहीं है, कोचिंग कहां से करें। लेकिन हालातों को कोसने की बजाय खुद से मेहनत करने पर शायद बहुत कुछ हासिल किया जा सकता है। पंजाब के संदीप चौधरी ने इस बात को गलत साबित कर दिया है कि सिर्फ महंगी कोचिंग जाकर ही कॉम्पिटिशन के एग्ज़ाम निकाले जा सकते हैं।

संदीप वर्तमान में जम्मू में आईपीएस अफसर हैं और उन्होंने खुद से पढ़कर ही UPSC जैसी परीक्षा निकाली है। IPS संदीप ने अपनी ग्रैजुएशन और मास्टर डिग्री की पढ़ाई निरंतर कॉलेज जाकर नहीं की, बल्कि IGNOU से डिस्टेंस लर्निंग द्वारा अपनी पढ़ाई पूरी की है। 12वीं की परीक्षा के दौरान संदीप के पिता का निधन हो गया था, जिस कारण उन्हें आगे की पढ़ाई के लिए ट्यूशन पढ़ाकर पैसे कमाने पड़े और खुद अपना खर्च निकालना पड़ा।

उन्होंने पढ़ाई करने के लिए जो मुश्किलें देखीं वे नहीं चाहते थे कि कोई और भी उन सबसे गुज़रे, इसलिए उन्होंने जम्मू में “ऑपरेशन ड्रीम्स” की शुरुआत की, जहां वे लोगों को कॉम्पटीशन की परीक्षाओं की तैयारी मुफ्त में कराते हैं।

इनकी प्रेरक कहानी जानने के लिए देखें यह जोश Talk-

आज के समय में जहां लोग अपनी ज़िन्दगियों में इतने व्यस्त होते हैं कि उनके पास खुद के लिए, अपने परिवार के लिए समय नहीं होता। वहीं संदीप अपनी व्यस्त ज़िन्दगी में से समय निकालकर बच्चों को मुफ्त में कॉम्पिटीशन की पढ़ाई करवाते हैं।

जिन बच्चों को पढ़ने की इच्छा है लेकिन, संसाधन नहीं है उनके चेहरों पर मुस्कान लाते हैं संदीप। उन्होंने पहले 10 बच्चों से पढ़ाने की शुरुआत की थी और आज 150 से ज़्यादा बच्चे उनसे पढ़ने आते हैं। बच्चों को किताबी ज्ञान देने के साथ ही संदीप उन्हें उसका महत्तव भी समझाते हैं और एक अच्छा इंसान भी बनाते हैं। जम्मू जैसा इलाका जहां बहुत से बच्चे अपनी विपरित परिस्थितियों की वजह से पढ़ नहीं पाते थे आज वे पढ़ाई कर रहे हैं।

किसी ने सही ही कहा है हौसले पक्के हों तो हालात कुछ नहीं बिगाड़ सकते। हमें अपने जीवन में आई कठिन परिस्थितियों से घबराना नहीं है, बल्कि तरीका ढूंढ़ना है उससे कैसे बाहर आया जा सके। इंसान की सच्ची लगन और मेहनत के आगे उसे कठिन वक्त या खराब से खराब समय भी नहीं हरा सकता। इसलिए हमें कोशिश करनी चाहिए कि हम बहाने कम बनाएं और काम ज़्यादा करें। आईपीएस संदीप ने अपनी कमज़ोर आर्थिक स्थिति के कारण कभी हार नहीं मानी। उन्होंने 11 सरकारी परीक्षाएं अपने बल पर निकाली हैं, वो भी पहली बार में ही और कुछ में अव्वल स्थान भी प्राप्त किया है।

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