Site icon Youth Ki Awaaz

धीरज कुमार की कविता: तुम कितने देशभक्त हो!

आपकी देशभक्ति हमारे सिपाहियों के मरने पर उफनती है

आप फेसबुक पर लाइक, शेयर, कमेंट करके अपनी देशभक्ति दिखाते हैं

और अगर कोई सवाल उठाये कि आइये सिपाहियों के मरने के मूल कारणों को हल करने की कोशिश करें

तो आप उसे गालियां बकने लगते हैं

जैसे, अगर कोई कहे कि कश्मीर समस्या का हल सोचना चाहिये

तो आप उसे गाली देते हैं

या अगर बस्तर में सिपाहियों के मरने पर कोई कहे कि

हमें नक्सल मुद्दे पर चर्चा करनी चाहिये

तो भी आप गाली देने लगते हैं

इसी तरह पूर्वोत्तर की समस्या को समझने के सुझाव पर भी आप खफा हो जाते हैं।

 

आप कहते हैं

हमारे वीर सिपाही कश्मीर, छत्तीसगढ़ या मणिपुर में देशद्रोहियों को मार देंगे

फिर सब ठीक हो जायेगा

असल में आपको सिपाहियों से कोई प्रेम नहीं है

आपको सिपाहियों के मरने से कोई फर्क ही नहीं पड़ता

सिपाही गरीब का बच्चा है और बन्दूकधारी मज़दूर है

सिपाही असल में आपके लालच के लिये मारा जा रहा है।

 

आपको कश्मीर की ज़मीन चाहिये

कश्मीरी नहीं चाहिये

आपको छत्तीसगढ़ के खनिज चाहिये

छत्तीसगढ़ के आदिवासी नहीं चाहिये

आपको पूर्वोत्तर के राज्यों से बिजली चाहिये

वहां के लोगों को आप चिंकी के सम्बोधन के अलावा ज़्यादा इज्ज़त देने के लिये तैयार नहीं हैं।

 

आप कभी छत्तीसगढ़ , कश्मीर या मणिपुर की बलात्कार पीड़ित लड़कियों को इस देश का नागरिक मानने को भी तैयार नहीं हुए

असल में आपकी देशभक्ति फर्ज़ी है

आपको बस लूट में हिस्सा चाहिये

ताकि आपकी ऐश, शॉपिंग मॉल वाली ज़िंदगी चलती रहे

आपको ना देश से कोई मतलब है

ना यहां के नागरिकों की आपको कोई चिंता है

ना आपको सिपाहियों के मरने की चिंता है।

 

आपका व्यवहार साम्राज्यवादी व्यवहार कहलाता है

जैसे अंग्रेज़ों को भारत तो चाहिये था

लेकिन भारतीयों से उन्हें कोई प्यार नहीं था

इसलिये भगत सिंह का नारा था

साम्राज्यवाद मुर्दाबाद

भगत सिंह का नारा आपके ही खिलाफ था

भगत सिंह ने कहा था अंग्रेज़ों के जाने के बाद भी लड़ाई जारी रहेगी

भगत सिंह जानते थे यह दिन आयेगा

इसे बदलने के लिये ही भगत सिंह ने नारा दिया था

इंकलाब जिंदाबाद।

 

 ध्यान रखियेगा आपके लालच, लूट और चालाकी के रहते देश में शांति और सद्भाव आ ही नहीं सकता

हम इस लूट की पोल खोलेंगे

    हम देश प्रेम को यहां के लोगों से प्रेम करने की शर्त में बदल देंगे

हम कभी नहीं थकेंगे

इन्कलाब जिंदाबाद

साम्राज्यवाद मुर्दाबाद।

_______________________________________________________________________________

[नोट- फोटो प्रतीकात्मक है।]

Exit mobile version