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कॉंग्रेस का दावा, एमपी में अब भी हैं 17 लाख फर्ज़ी वोटर्स

लोकसभा चुनाव हो या विधानसभा चुनाव, फर्ज़ी वोटर्स, राजनीतिक पार्टियों व चुनाव आयोग के लिए सिरदर्द बन जाते हैं। छत्तीसगढ़, राजस्थान और मध्यप्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव होने वाले हैं लेकिन फर्ज़ी मतदाताओं से चुनाव आयोग निजात नहीं पा सका है।

मध्यप्रदेश की कॉंग्रेस कमेटी ने राज्य निर्वाचन आयोग से प्रदेश में फर्ज़ी वोटरों की शिकायत दर्ज कराई है। कॉंग्रेस पार्टी की तरफ से आरोप लगाया गया है कि राज्य में 17 लाख वोटर्स फर्ज़ी हैं। ये फर्ज़ी वोटर्स प्रदेश की 53 विधानसभाओं को प्रभावित कर सकते हैं। कॉंग्रेस ने निर्वाचन आयोग को धमकी भी दी है कि अगर आयोग फर्ज़ी मतदाताओं की समस्या दूर नहीं करेगा तो अदालत की शरण लेंगे।

चुनाव में फर्ज़ी मतदाओं की यह समस्या किसी एक राज्य की नहीं है। चुनाव आते ही इस प्रकार की समस्या हर राज्य में देखने को मिलती है। इससे पहले कर्नाटक विधानसभा चुनाव से एक दिन पहले भी कई फर्ज़ी वोटर्स कार्ड मिले थे। देश में वोटरों की संख्या की वेरिफिकेशन की बात करें तो यह प्रक्रिया थोड़ी जटिल है। क्योंकि जनसंख्या वृद्धि और पलायन के कारण बहुत सारे वोटरों का नाम पूर्ववर्ती सूची में ही शामिल होता है। इनके नाम पर पोलिंग बूथों पर फर्ज़ी वोटिंग की जाती है।

अगर निर्वाचन आयोग सतर्कता के साथ काम करे तो इस समस्या से निजात पाया जा सकता है। निर्वाचन आयोग की शिथिलता के कारण वोटर वेरिफिकेशन पारदर्शी रूप से नहीं हो पाता है। इसके पीछे कारण यह है कि निर्वाचन आयोग के पास बहुत ज़्यादा कर्मचारी नहीं हैं जो इस कार्य को ज़िम्मेदारी पूर्वक कर सकें।

दूसरी बात यह कि निर्वाचन आयोग में अधिकतर कर्मचारियों को कॉन्ट्रैक्ट बेसिस पर रखा जाता है, जिससे वे कामों को ज़िम्मेदारी पूर्वक नहीं करते हैं। तीसरी चीज़ है कि निर्वाचन की वोटर वेरीफिकेशन की जो प्रक्रिया है, उसके तहत प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों या शिक्षा मित्रों को यह ज़िम्मेदारी दी जाती है। स्कूलों में पढ़ाई के साथ-साथ इन्हें इस काम को भी करना होता है। इस अतिरिक्त कार्य के लिए उन्हें पैसे भी नहीं दिए जाते हैं, जिसके कारण वे काम को ज़िम्मेदारी पूर्वक नहीं करते हैं।

इन वजहों से यह समस्या हर चुनावों में बनी रहती है। चुनाव आयोग को चाहिए कि वो वोटर सूचियों का वेरीफिकेशन सही तरीके से कराए और राजनीतिक पार्टियों को इससे दूर रखे। नहीं तो फर्ज़ी वोटर्स लोकतंत्र को नुकसान को पहुंचा सकते हैं।

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