पश्चिमी देश काफी लंबे समय से शोबिज़ के ज़रिये मानवाधिकार के मुद्दों को बढ़ावा देते आ रहे हैं। दारफुर में जॉर्ज क्लूनी और अफ्रीका में एंजेलिना जोली की कुपोषण के खिलाफ लड़ाई याद है?
यह वह समय है जब बॉलीवुड अपनी सांस्कृतिक ताकत का उपयोग खुले में शौच, बाल शोषण, ऋण बंधन जैसी चीज़ों के खिलाफ लड़ाई में कर सकता है। यह तब काम भी किया, जब अमिताभ बच्चन ने पल्स पोलियो वैक्सीन का समर्थन किया और अक्षय कुमार की फिल्म ‘टॉयलेट एक प्रेम कथा’ ब्लॉकबस्टर बन गई। तो आखिर बॉलीवुड समाज में अपने प्रभाव का प्रयोग ज़्यादा-से-ज़्यादा क्यों नहीं कर रहा है?
इस वीडियो में देखें कि कैसे बॉलीवुड सामाजिक जागरूकता में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकता है-