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अपनी मांग को लेकर EPS-95 पेंशनधारकों का पीएफ कमिश्नर के दफ्तर में विरोध प्रदर्शन

भारत के विभिन्न हिस्सों से हज़ारों की तादाद में पहुंचे ईपीएस-95 के पेंशनधारकों ने सेंट्रल प्रॉविडेंट फंड कमिश्नर मुख्यालय पर ताला लगाया। यह अभियान ईपीएस-95 पेंशनर्स संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमांडर अशोक राउत के नेतृत्व में किया गया।

समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमांडर अशोक राउत ने कहा, “श्रम मंत्री ने न्यूनतम मासिक पेंशन बढ़ाने का आश्वासन दिया था लेकिन यह सिर्फ खोखला साबित हुआ। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) द्वारा चलाई जा रही इस योजना में अभी तक न्यूनतम पेंशन 200 रुपये से लेकर 2500 रुपये तक है। इस छोटी सी पेंशन राशि में बुज़ुर्गो का गुज़ारा काफी मुश्किल है।

उन्होंने कहा, “पेंशनभोगी न्यूनतम मासिक पेंशन को बढ़ाकर 7,500 रुपये करने की मांग कर रहे हैं। पूरे देश में करीब 60 लाख पेंशनभोगी हैं। इनमें से 40 लाख लोगों को 1,500 रुपये मासिक से भी कम पेंशन मिल रही है जबकि सरकार के पास तीन लाख करोड़ रुपये का पेंशन कोष है।”

वहीं ईपीएस-95 के राष्ट्रीय महासचिव विरेंद्र सिंह ने कहा, “अगर 30 सितंबर 2018 तक हमारी मांगे पूरी नहीं हुई तो मैं अपने साथियों के साथ आमरन अनशन पर बैठूंगा। मुझे आशा है कि मोदी सरकार हमारी जायज मांगों को पूरा करेगी।”

पेंशनकर्ताओं की मुख्य मांगों में शामिल है, ईपीएफओ की ओर से जारी किया गया अंतरिम पत्र रद्द करके सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार ईपीएस- 95 पेंशनर्स को उच्च पेंशन की सुविधा दी जाए। पेंशनर्स ‘कोशियारी समिति’ की सिफारिशों के अनुसार न्यूनतम मासिक पेंशन को बढ़ाकर 7,500 रुपये किया जाए। ईपीएस- 95 पेंशनर्स और उनकी पत्नियों को मुफ्त मेडिकल सुविधाएं दी जाए। जिन रिटायर्ड कर्मचारियों को ईपीएस-95 योजना में शामिल नहीं किया गया, उन्हें उसका सदस्य बनाकर पेंशन योजना के तहत लाया जाए और पांच हजार रुपये मासिक पेंशन दी जाए।

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