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कोडरमा में “बिजली” और “शिक्षा” के लचर हाल से जुड़े है, सांसद के तार

 झारखण्ड : आम इन्सान की मुलभुत जरुरत में बिजली तब शामिल हो गया था जब हमारा देश विकास और तकनीक के मामले में विकासशील था ! जब हम पूरी दुनिया में विकासशील की श्रेणी में आते थे तब पूरी दुनिया हमें यह बोल कर आर्थिक मदद कर रहा था की भारत अभी विकाशील देश है !

पर जब 2014 में देश में पूरी बहुमत और तोड़ जोड़ से देश की सबसे बड़ी भारतीय जनता पार्टी पुरजोर तरीके से सत्ता में आई,सत्ता में आते ही उन्होंने भारत के आगे लगे “विकासशील” का टैग हटा कर विकसित देश की श्रेणी में ला कर खड़ा कर दिए! जहा से अन्य देशो की सहायता बंद हो गई, और भारत विकास की तलाश में चल पड़ा जिसमे उनका पहला मुद्दा था “विकास” और “अच्छे दिन” को भारत लाना ! पर आम जनता को यह नहीं बताया गया की विकास कौन है? और अच्छे दिन किनके आयेंगे? इसी विकास की पुरजोर तलाश हमारे झारखण्ड में माननीय रघुवर दास के नेत्रित्व की सरकार भी कर रही है! जिसमे विगत दिनों हमारी सरकार ने आम जनता को संबोधित करते हुए कहा की अगर 2018 तक 24 घंटे बिजली नहीं दे पाए तो हम वोट मांगने नहीं आयेंगे! और लगे हाथ झारखण्ड राज्य विधुत बोर्ड को निजी कम्पनी झारखण्ड बिजली वितरण निगम लिमिटेड को बेच दी! जिससे बिजली देने की जिम्मेवारी निजी कम्पनी के हाथ में चला गया! उसी विकास की रफ़्तार को आगे बढ़ाते हुए

कोडरमा के सांसद माननीय डा रविद्र राय भी पीछे नहीं रहे उन्होंने विकास को जल्दी लाने के लिए कोडरमा में भी सांसद महोदय ने प्रतिनिधियों को नियुक्त कर अपने तार मजबूत कर लिए हर प्रखण्ड स्तर पर अपने प्रतिनिधि को नियुक्त किया और उन्हें विकास को कोडरमा जल्द लाने की जिम्मेवारी लगे हाथ दे डाली! अब प्रतिनिधि भी विकास की तलाश में गाँव गाँव घूम कर जिले में संचालित हर कार्यो का मुआयना करने लगे! और विकास दिखाने के चक्कर में कई कार्यो को अंजाम दिया! जिसमे विगत दिनों कोडरमा में पेट्रोल और डीजल का कीमत बढ़ने पर ऑटो चलाने वाले चालक अपना ऑटो किराया बढ़ा दिए, जिसे ले कर सांसद प्रतिनिधि ने सड़क जाम तक कर दिए!

अब इधर कोडरमा में बिजली व्यवस्था पिछले कई महीनो से लचर हाल में है! आम जनता की मुलभुत जरुरत बन चूकी  बिजली अब आम लोगो से दूर होते जा रही है! जिस कारण जिले की कई छोटे छोटे कुटीर उधोग चोपट हो रहे है तो दूसरी तरफ बच्चो की पढाई बाधित हो रहा है! इसके अलावे आम लोगो का जन जीवन बदहाली पर पहुच गया है!  और सांसद के प्रतिनिधि अपने विकास की बाढ़ दिखाने में व्यस्त है!

इसी तरह सांसद के चहेते प्रतिनिधि शिक्षा विभाग के सुनील सिन्हा ने तो अपने काम का अंदाज ही बदल दिया उन्होंने अपने निजी विद्यालय में एक नाबालिक बच्चे की बेरहमी से पिटाई बस इस लिए कर दिए की वह एक निजी कोचिंग संसथान में पढने जाता था!

इस पिटाई से उस बच्चे के शरीर में छड़ी के दाग उठ आये! इस तरह कोडरमा में प्रखण्ड स्तर पर बहल किये गए सांसद प्रतिनिधि बस सांसद के नाम पर जीने खाने के जुगाड़ चला रहे है! और सांसद के नाम का भरपूर सदुपयोग भी किया जा रहा है! जिससे आने वाले 7 महीने में विकास दिख ही जायेगा! उसी विकास की उम्मीद में ढाब के लोग भी बैठे है!

_ ओंकार विश्वकर्मा (मानवाधिकार कार्यकर्त्ता)

लेखक के निजी विचार है!

 

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