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इंटरनेट बाज़ार ने हिंदी का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किया है विस्तार

मनुष्य अपने विचारों और भावों को प्रकट करने के लिए जिन ध्वनि संकेतो का प्रयोग करता है, वह भाषा कहलाती है। भाषा की उत्पत्ति मनुष्य जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि है। भाषा ही मनुष्य को अन्य जीवों से अलग श्रेणी में रखती है। भाषा को दो प्रकार से अभिव्यक्त किया जा सकता है, मौखिक और लिखित।

भारतीय समाज में हिंदी सर्वाधिक बोली और समझी जाने वाली भाषा है तथा कई देशों में बोली एवं समझी जाती है। बाज़ार के क्षेत्र में भारत दुनिया का सबसे बड़ा उपभोक्ता है, इस कारण बहुराष्ट्रीय कम्पनियां अपने उत्पाद को यहां बेचने के लिए इच्छुक रहती हैं। विदेशी कम्पनियां अपने उत्पादों को भारत में बेचने के लिए सबसे पहले आम आदमी तक अपनी पहुंच बनाती है, जिसके लिए एक प्रभावी भाषा का होना अनिवार्य शर्त है। भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी हिंदी भाषा इस शर्त को बखूबी निभा रही है। इस कारण से अधिकांश देश हिंदी भाषा को सीखना चाहते हैं।

आज देश-विदेश में इंटरनेट के आगमन से विज्ञान और तकनीकी के क्षेत्र में सुगमता तथा सूचनाओं के आदान-प्रदान को सरल कर दिया है। भारत में इन्टरनेट का आविष्कार लगभग अस्सी के दशक में हुआ। आज हम प्रत्येक दैनिक कार्य लगभग इन्टरनेट के माध्यम से ही कर रहे हैं। जबसे दुनिया में इन्टरनेट का अविष्कार हुआ है, तब से धीरे-धीरे हमारे जीवन का हिस्सा बन गया है। मनुष्य जीवन का प्रत्येक क्षेत्र इससे अछूता नहीं रह गया है। हिंदी भाषा का इन्टरनेट पर आज बहुतायत मात्रा में प्रयोग किया जा रहा है।

इन्टरनेट पर हिंदी भाषा की शुरुआत रोमनलिपि में हुई। धीरे-धीरे फॉण्ट की समस्या से संघर्ष करते हुए देवनागरी में हिंदी भाषा को लिखा जाने लगा। कृतिदेव, मंगल, यूनिकोड जैसे फॉण्टों ने हिंदी को देवनागरी भाषा में लिखना आसान कर दिया है।

गूगल हिंदी इनपुट, माइक्रोसाफ्ट हिंदी इनपुट के माध्यम से आसानी से हिंदी भाषा को टाइप किया जा सकता है। इन्टरनेट से हम अपने भावों विचारों को कुछ ही सेकेंडों में एक स्थान से दूसरे स्थान पर प्रेषित करने में सक्षम हो गए हैं। सूचनाओं को एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंचाने के लिए कई सारे एप्लीकेशन उपलब्ध हैं, जो आपकी सूचनाओं को कुछ ही सेकेंडों में लिखित एवं आडियो, वीडियो में प्रेषित कर सकते हैं जैसे ईमेल, फेसबुक,व्हाट्सएप्प, ट्विटर।

इन्टरनेट पर हिंदी साहित्य से संबंधित बहुत-सी सामग्री कविता कोश, रचनाकार, हिंदी समय जैसी वेबसाइटों पर उपलब्ध हैं, जिन्हें जब चाहे पढ़ने के लिए प्रयोग किया जा सकता है। हिंदी के शब्दों के अर्थ जानने के लिए इन्टरनेट पर शब्दकोश उपलब्ध हैं, जिनसे अल्प समय में शब्दों के अर्थ की जानकारी प्राप्त की जा सकती है।

आज से कुछ समय पहले हिंदी में प्रकाशन बहुत बड़ी समस्या थी और बहुत महंगी पड़ती थी। इस कारण कुछ ही लोग अपने विचारों को दूसरे तक पहुंचा पाते थे लेकिन इन्टरनेट ने अपने विचारों को अभिव्यक्त करना आसान कर दिया है। इन्टनेट पर ब्लॉग अच्छा और सुगम माध्यम हैं जिससे अपने विचारों को अभिव्यक्त किया जा सकता है। इस कारण हिंदी आमजन तक पहुंच बना रही है एवं हिंदी का प्रचार-प्रसार बढ़ता जा रहा है।

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