तेलंगाना में 24 साल के प्रणय की हत्या इसलिए कर दी गयी क्योंकि उसने एक ऊंची जाति की लड़की से लव मैरिज की थी। ज़रूरत से ज़्यादा लंबी नाक वाले लड़की के घरवालों के लिए यह बात “नाकाबिल-ए-बर्दाश्त” थी। फिर क्या था, काट दिया गया गला बीच सड़क पर और बता दिया कि “कृष्ण” के देश में प्रेम करना कितना बड़ा पाप है।
हालांकि यूपी, बिहार, हरियाणा और राजस्थान वालों के लिए “ऑनर किलिंग” की घटना कोई नई बात नहीं है। “फर्ज़ी प्रतिष्ठा” के पाखंड में जीने वालों की बहुत बड़ी तादाद है यहां पर और अगर आपको लग रहा है कि इस पाखंड में सिर्फ मर्द जी रहे हैं तो यह आपकी गलतफहमी है। जिस समाज से हम आते हैं वहां “वो इसी लायक था” या “वो इसी लायक थी” सोचने वाली महिलाओं की भी कोई कमी नहीं है।
अपने आपको दुनिया की सबसे अच्छी नस्ल और सबसे अच्छा समाज होने का दम्भ भरने वाले लोग कितने धूर्त हैं आप इसका अंदाज़ा भी नहीं लगा सकते।
जब आपको बार-बार यह सिखाया जाता है कि कुछ ऐसा मत करना जिससे हमारा सर नीचा हो तो उसका सीधा मतलब यह होता है कि…
हे मेरे प्यारे पुत्र/पुत्री, तुम जीवन में कुछ भी करना लेकिन प्रेम मत करना। अगर गलती से हो भी जाए तो विवाह की मत सोचना। अंतरजातीय या अंतर-धार्मिक तो बिल्कुल भी नहीं। क्योंकि हम तुम्हारे तब तक ही सगे हैं जब तक तुमने हमारे पाखंड को ठेस नहीं पहुंचाई है।
यहां “न्यू इंडिया” का सपना देखा जा रहा है। अब इन्हें कैसे समझाया जाए कि सिर्फ “डिजिटलाइजेशन” से न्यू इंडिया नहीं बनेगा। एक बहुत बड़े वर्ग के दिमाग में जो गोबर भरा पड़ा है उसका क्या कीजिएगा।
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