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रिम्स में आयुष्मान भारत कार्ड के इंतज़ार में 80 वर्षीय महिला की मौत

झारखंड के रांची शहर में 23 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जन आरोग्य योजना (पीएजेएवाई), आयुष्मान भारत योजना की शुरुआत की। इस योजना की शुरुआत के बाद झारखंड के जमशेदपुर शहर में एक 80 वर्षीय महिला को अस्पताल में भर्ती कराया गया जो कि डायरिया से ग्रसित थी।

लोकल मीडिया के अनुसार रविदास अपनी 80 वर्षीय मां को इलाज के लिए जमशेदपुर के एमजीएम अस्पताल लेकर गया, जहां डॉक्टरों ने रविदास को पहले आयुष्मान कार्ड लाने को कहा जिसे बनवाने में रविदास को 6 घंटे लग गए और जब वह वापस लौटकर आया तो उसने देखा कि उसकी मां मृत पड़ी थीं। इसके बाद वह निराश होकर अपनी मां के मृत शरीर को लेकर गांव चला गया।

मीडिया के अनुसार एमजीएम के डिप्टी सुपरिंटेंडेंट डॉ नकुल चौधरी ने एक बयान में कहा कि रोगी के इलाज को पहली प्राथमिकता देनी चाहिए और अगर यह मौत किसी की लापरवाही की वजह से हुई है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी।

क्या है आयुष्मान भारत योजना?

इस योजना के अनुसार 50 करोड़ से भी ज़्यादा लोगों के लिए स्वास्थ्य बीमा योजना शुरू की गई है, जिसमें 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज होगा। यह योजना केवल उन परिवारों के लिए है जिनकी महीने की कमाई 10000 से कम होती है।

इन सब चीज़ों को देखते हुए सवाल यह उठता है कि रविदास की मां की मौत का ज़िम्मेदार किसे ठहराया जाए? क्या केवल सरकार पर आरोप लगाना सही होगा? या फिर इसके लिए समाज का वह सभी वर्ग दोषी है जो केवल अपने स्वार्थ के बारे में सोचते हैं?

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नोट- फोटो प्रतीकात्मक है।

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