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सैन्य ठेकेदारों को रक्षा मंत्री का आश्वासन, जल्द होगा 1600 करोड़ का बकाया भुगतान

निर्मला सीतारमण

रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण

मिलिटरी इंजीनियरिंग सर्विसिस बिल्डर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एमईएसबीएआई) के सदस्यों के प्रतिनिधिमंडल ने रक्षा निर्माण कार्यों के लिए 1600 करोड़ का बकाया भुगतान अभी तक ना होने के मुद्दे पर शुक्रवार को केन्द्रीय रक्षा मंत्री  निर्मला सीतारमण से मुलाकात की। रक्षा मंत्री ने एमईएसबीएआई के प्रतिनिधिमंडल को आंशिक भुगतान जल्द करने का आश्वासन दिया। उन्होंने ने एमईएसबीएआई के प्रतिनिधमंडल को 29 और 30 अक्टूबर की प्रस्तावित हड़ताल को स्थगित करने की सलाह दी। रक्षा मंत्री के आश्वासन के बाद अब एसोसिएशन 29 और 30 अक्टूबर को हड़ताल नहीं करेगा।

गौरतलब है कि एमईएसबीएआई को पिछले तीन सालों से रक्षा संबंधी कार्यों के लिए अपने बकाए का भुगतान मिलने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। एमईएसबीएआई भारतीय रक्षा सेनाओं की सभी तीनों विंग की आधारभूत ज़रूरतों को पूरा करने के लिए कंस्ट्रक्शन, मेनटेनेंस और रिनोवेशन का काम भी करती है। ये केवल सुरक्षाबलों के लिए इमारतों का निर्माण ही नहीं, बल्कि रनवे भी बनाती है। एमईएसबीएआई मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विसेज़ को प्रशिक्षित और विश्वासपात्र सैन्य बलों की सप्लाई भी करती है। बिल्डर एसोसिएशन में करीब 20 हज़ार कॉन्ट्रैक्टर्स हैं और रक्षा निर्माण कार्यों के लिए यह करीब 20 लाख श्रमिकों की नियुक्ति करते हैं।

एमईएसबीएआई के अध्यक्ष परवीन महाना ने बताया, “हमारे प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात की। रक्षा मंत्री ने प्रतिनिधिमंडल को आंशिक भुगतान जल्द करने का आश्वासन दिया और एसोसिएशन से टूल डाउन स्ट्राइक को टालने का अनुरोध किया। रक्षा मंत्री के आश्वासन पर हमने हड़ताल स्थगित कर दी है।”

एमईएसबीएआई के मानद महासचिव बलबीर सिंह विज ने कहा, “रक्षा मंत्री के आंशिक भुगतान के वायदे के बाद उम्मीद जागी है कि एसोसिएशन के तहत आने वाले कॉन्ट्रैक्टर्स और श्रमिकों को फेस्टिव सीज़न में पैसों की तंगी का सामना नहीं करना पड़ेगा। एसोसिएशन के सदस्यों को पिछले तीन सालों से पेमेंट ना मिलने से काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।”

उन्होंने आगे कहा, “एक-एक बिल्डर का लाखों-करोड़ों रुपये रोक कर रखा गया है। बिल्डर्स पहले ही नोटबंदी व जीएसटी की मार झेल रहे हैं, ऐसे में किए हुए कार्यों का भुगतान ना होना उनके लिए आर्थिक आपातकाल जैसा है। हम दिन-रात सेना के प्रतिष्ठानों को बेहतर बनाने के लिए बिना धूप-छांव की परवाह किए काम कर रहे हैं लेकिन अब हमारी स्थिति ऐसी नहीं है कि हम कार्यों को आगे लगातार रख सकें। मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विस में काम करने वाले कॉन्ट्रैक्टर्स अपनी जेब से पैसे लगाकर निर्माण कार्यों को जारी रख रहा है लेकिन इस तरह की स्थिति बहुत दिनों तक जारी नहीं रह सकती।”

बिल्डर एसोसिएशन के तहत काम करने वाले एक कॉन्ट्रैक्टर ने कहा, “अगर बकाए का भुगतान नहीं किया गया तब साइट्स पर लाखों मज़दूर बेरोज़गार हो जाएंगे और रक्षा परियोजनाएं ठप हो जाएंगी। रक्षा मंत्री के दिवाली तक आंशिक भुगतान करने के आश्वासन से उम्मीद जागी है कि हम भी दिवाली बेहतर ढंग से मना पाएंगे। ‘एमईएसबीएआई’ भारतीय सेनाओं की तीनों विंग की आधारभूत ज़रूरतों को पूरा करने के लिए कंस्ट्रक्शन, मेनटेनेंस और रिनोवेशन का काम भी करती है।”

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