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स्तन से जुड़ी वो बातें जो हमें जाननी चाहिए

स्तन/बूब्स। क्या आप इनके बारे में और जानना चाहते हैं? चलिए उस एक सवाल के साथ शुरुआत करते हैं जो वैज्ञानिकों को पागल कर देता है।

इंसानों के स्तन आखिर होते क्यों हैं?

स्तन दूध-निर्माण करने वाले ग्लैंड्युलर टिशू और चरबी से बने होते हैं। वैसे मैमल्स/स्तनधारियों में, स्तन का काम सिर्फ संतान को दूध पिलाना होता है। इंसानों को छोड़कर, बढ़े हुए स्तन की मौजूदगी सिर्फ कुछ समय के लिए होती है। कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि मानवीय स्तन सिर्फ बच्चों के लिए होते हैं। दूसरों का सालों से मानना है कि औरतों के स्तन, मर्दों की नज़रों में जवानी और जननक्षमता का प्रतीक होते हैं।

यह मुमकिन है कि मानवीय स्तन अलग-अलग कारणों की वजह से अस्तित्व में हैं और सेक्स अपील उनमें से एक है। लेकिन ऐसा कोई वैज्ञानिक संशोधन नहीं है जिसने यह साबित किया है कि सभी संस्कृतियों के पुरुषों (या महिलाओं) को स्तन सेक्सी लगते हैं। विलियम्स बताते हैं कि जापान में पुरुषों को औरतों की गर्दन का पिछला भाग सेक्सी लगता है और साउथ अमेरिका के कुछ हिस्सों में, औरत के बम/नितंब को बहुत ही कामुक/आकर्षक माना जाता है। कुछ संस्कृतियों में, जैसे की स्वाज़ीलैंड में, औरतें अपने स्तन को खुला रखकर अपनी जांघों को ढकती हैं, क्योंकि जांघों को बहुत सेक्सी माना जाता है।

ठीक है, तो हमारे पास स्तन हैं और बहुत से लोगों को वह सेक्सी लगते हैं, लेकिन क्या सेक्सी होने के लिए उनका बड़ा होना ज़रूरी है?

असल में लोगों को जो स्तन की साइज़ के बारे में लगता है वह कुछ सोशल स्टडीज़ की किताब की पंक्ति ‘विविधता में एकता’ जैसा है। कुछ लोगों को छोटे-छोटे आम जैसे स्तन पसंद आते हैं। फिर वह फ्रेंच कथा है कि परफेक्ट स्तन वह होता है जो एक शैम्पेन के ग्लास में सही बैठता है। कुछ वैज्ञानिकों ने ब्राज़ील, कैमरून, चेक रिपब्लिक और नामीबिया के पुरुषों के साथ एक अध्ययन किया और पाया कि उनमें से अधिकतर पुरुषों को मध्यम-आकार/साइज़ स्तन से लेकर बड़े स्तन ज़्यादा पसंद हैं। (हम सोच रहे थे कि अगर औरतों से यही सवाल किया होता तो पता नहीं उन्हें क्या जवाब मिलता।)

और हां, कुछ लोगों को बहुत बड़े स्तन पसंद हैं। 2017 में, दुनिया के सबसे बड़े पॉर्न साइट, पॉर्नहब ने डेटा निकाला जिससे यह संकेत हुआ कि मिलेनियल्स, यानी 1981 के बाद पैदा हुए लोगों को स्तनों में कम दिलचस्पी है। डेटा यह भी बताता है कि पॉर्नहब पर स्तनों को ढूंढते वक्त, ये लोग छोटे स्तनों को तलाशते हैं – और पुरुष उपयोगकर्ता डेटा के इस झुकाव का मुख्य कारण हैं।

कुछ सालों पहले, एक भारतीय न्यूज़ मैगज़ीन ने प्रस्ताव सामने रखा कि स्तन वापस फैशन में आ गए। अगले ही हफ्ते, संपादक को पुरुष पाठकों से शिकायतों से भरी कई चिट्ठियां मिलीं जिनमें साफ शब्दों में यह पूछा गया था कि आखिर स्तन फैशन से बाहर ही कब गया था? सच यह है कि कामुकता की हैसियत से स्तन और स्तन साइज़ दोनों फैशन की दुनिया के अंदर-बाहर होते रहते हैं।

मुझे लगता है कि मेरे स्तन अजीब लगते हैं। क्या सचमुच ऐसा है?

जब तक आपके स्तन चमकदार नीले नहीं हैं और हाल ही में कोई अनजान कारणों से उनके साइज़ और आकार में कुछ खास बदलाव नहीं आया है, तब तक आप कह सकते हैं कि आपके स्तन नॉर्मल, स्वस्थ और बढ़िया हैं।

भारत में हमें स्तन की आम से तुलना करना पसंद है और यह बहुत अच्छा है क्योंकि दुनिया में आम के सैकड़ों प्रकार होते हैं। औरतों के स्तन साइज़ और आकार में बहुत अलग अलग होते हैं, कभी कभी एक दूसरे से भी। यह समझने के लिए कि यह विविधता कितनी बड़ी है, लौरा डोड्सवर्थ की स्तनों की तस्वीरों की शृंखला देखिये, जो 19 से 101 वर्षीय 100 महिलाओं की हैं।

लेकिन मैं अपने स्तनों को बड़ा करना चाहती हूं। क्या मैं ऐसा कर सकती हूं?

इसका सीधा जवाब है, नहीं, बिना प्लास्टिक सर्जरी के आप ऐसा नहीं कर सकती हैं। और यह रहा इस सवाल का विस्तार में जवाब। आपके स्तनों में कोई मांसपेशीयाँ नहीं होती हैं और बहुत सारी चरबी होती है, तो कसरत का आपके स्तनों पे कोई सीधा असर नहीं होता है। कसरत आपकी मुद्रा को बेहतर बना सकती है और इससे आपके स्तन मजबूत/स्थिर और बड़े नज़र आ सकते हैं। अगर आपका वज़न बढ़ता है, आपके स्तन भी शायद बड़े हों लेकिन याद रखिये कि चरबी आपकी पूरे शरीर पर भी बढ़ेगी, ना सिर्फ आपके स्तनों पर। टेलीमार्केटिंग चैनल पर बेचा जाने वाला कोई भी लोशन, क्रीम, मसाज/मालिश या पिल आपके स्तनों को बड़ा नहीं कर सकता।

हालांकि देखा गया है कि गर्भ निरोधक गोलियों की कुछ किस्मों से स्तन का साइज़ कुछ समय के लिए बढ़ जाता है, गोली के साइड इफेक्ट/दुष्प्रभाव के नाते। चाहे आपका गुण गाने वाला बॉयफ्रेंड आपसे यह कहे या फिर आपके स्कूल की नटखट सहेली, सेक्स/शादी से आपके स्तन बड़े नहीं होते। नहीं, सच्ची, ऐसा नहीं होता।

अच्छा ठीक है, क्या मैं अपने स्तनों के साथ कुछ मस्ती कर सकती हूं?

आप बहुत मज़ा उठा सकती हैं। स्तनों को संवेदनशील होने के लिए पर्याप्त रूप से श्रेय नहीं दिया जाता है। कामोत्तेजना के वक्त स्तन कुछ समय के लिए साइज़ में 25 प्रतिशत तक बढ़ सकते हैं। कुछ औरतों में, कामोत्तेजना के समय चूची (Nipple) का रंग गहरा हो जाता है। अपने आप को अपने स्तनों से परिचित करें और फिर आप समझेंगी कि आपके स्तन छूने पर कैसी प्रतिक्रिया देते हैं।

क्या आपने कभी कामोन्माद के बारे में सुना है? वैज्ञानिक संशोधन बताता है कि जब आप अपनी चूची के साथ खेलते हैं, तो दिमाग उसी तरह की प्रतिक्रिया देता है जैसे आपका भग-शिश्न के साथ खेलने पर। जिसका मतलब है कि चूची के उत्तेजन से कुछ औरतें कामोन्माद का पूरी तरह से अनुभव कर सकती हैं। और अगर आप किसी के साथ हैं, आप उन्हें बता सकती हैं कि आपको अपने स्तनों पर कैसा स्पर्श पसंद है। कितनी बढ़िया बात है, नहीं?

क्या आपके साथी के स्तन हैं? हालांकि स्तन के उत्तेजन से होने वाले कामोन्माद को लक्ष्य बनाना बहुत विश्वसनीय लक्ष्य ना हो, पर अगर अपने पार्टनर के स्तन की ओर ध्यान देने से उसे खुशी मिलेगी, तो इससे अच्छा क्या हो सकता है? आप अपनी उँगलियों या अपने मुँह का इस्तेमाल करते हुए अपने पार्टनर की चूची या उसके स्तनों को उत्तेजित कर सकते/सकती हैं। आप मसाज तेल, बर्फ के टुकड़े, पंख, या आपकी आश्वस्त उंगलियों को आज़मा सकते/सकती हैं, यह भी सब अच्छे तरीके हैं।

लेकिन अगर आप कुछ तिव्र क्रिया करने वाले हैं जैसे कि उसके स्तनों को काटना या उसकी चूची को मरोड़ना, तो पहले पता ज़रूर लगाइये कि क्या उसे यह सब पसंद है? कई लोगों के लिए इस हद की आक्रामकता लैंगिक सुख में नहीं पनपती है, बिलकुल नहीं। यह सब आहिस्ता करने से आपके पार्टनर को भी अंदाजा मिल सकता है कि आपकी कोशिशें उसे कितनी भा रही हैं।

एक और बात, चूची के साथ खेलना आदमियों के लिए भी मज़ेदार हो सकता है। सो यह बात हमें इस महान सवाल की ओर ले जाता है कि आदमियों की चूचे होती ही क्यों हैं। लेकिन फिलहाल यह सवाल पाठ्यक्रम के बाहर है।

मैं अपने या अपने पार्टनर के स्तनों का ध्यान कैसे रख सकती/सकता हूं?

स्तनों के साथ जुड़ा बड़ा और डरावना शब्द अक्सर कैंसर होता है। जिन औरतों की उम्र 35 के ऊपर है, उनके लिए हर साल ब्रैस्ट कैंसर की स्क्रीनिंग अनुशंसित है। नित्य रूप से खुद जांच करना भी अनुशंसित है। (इसे ऐसे किया जाता है) अगर आप अपने स्तनों में कोई बदलाव देखते हैं– जैसे कि गाँठ या बम्प्स, साइज़ में बदलाव, चूची का अचानक से उलट जाना, चूची से बहाव होना, रंग में बदलाव, तो आपको डॉक्टर के पास जाना चाहिए। तो अपने स्तनों को अच्छी तरह से देखें और छुएं। यह आपके लिए बहुत अच्छा है।

स्तनपान करने वाली औरतों के पास ध्यान रखने और बचाव के लिए ज़रूरी स्वास्थ्य-सम्बंधित मामलों का एक और सेट है – बंद नलिकाओं से लेकर मैस्टाइटिस (स्तन की सूजन) तक। लेकिन आम दिनचर्या में, स्तन के मामले में, आप वही स्वास्थ्य और सफाई के मानकों को लागू कर सकती हैं जो आप अपनी बाहों या कोहनी के लिए लागू करती हैं, कुछ खास नहीं। अगर आप एक गरम और नमी वाले क्लाइमेट में रहती हैं, और ब्रा पहनती हैं, तो आपको उसे पहनने के बाद, हर बार धोना होगा। नहीं तो, कुछ बार पहनने के बाद एक बार धो लीजिये और अपने ट्यूशन क्लास वाली लड़की की बात पर गौर ना कीजिए।

अगर आप ब्रा पहनती हैं से आपका क्या मतलब है? क्या ब्रा पहनना आवश्यक नहीं होता?

देखिये, ऐसा लग सकता है कि ब्रा पहनना एक 100 प्रतिशत हाज़िरी वाला मामला है, लेकिन यह पूरी तरह से सच नहीं है। दुनिया की कई संस्कृतियों में, औरतों ने ऐसे कपड़े पहने हैं जो स्तनों को ढकते हैं। दूसरों ने ऐसा नहीं किया है। औरतों ने ऐसे बहुत से वस्त्र पहने हैं जो स्तनों के साइज़ को बड़ा दिखाते हैं, उनका रूप बदलते हैं, उन्हें बांधते हैं या छुपाते हैं। भारत में, हर क्षेत्र, जाती और समुदाय के ऐसे वस्त्रों का (जो स्तनों को ढकते हैं) अलग इतिहास है। भारत के कई भागो में, औरतों ने अपने स्तनों को ढकना हाल ही में शुरू किया है – ब्रा को भूल ही जाइये – पिछले 100 सालों में। आधुनिक ब्रा का पेटेंट जर्मनी में 1889 में हुआ था। ब्रा को भारत में 1950 में पहली बार विज्ञापित किया गया था!

तो क्या पहले बिना ब्रा के औरतों के स्तन लटकते नहीं थे?

अगर आपके स्तन मध्यम से बड़े साइज़ के हैं, तो बिना ब्रा पहने काफी गतिविधियां आपके लिए मुश्किल हो सकती हैं। भागना तो दूर की बात, ऑटो में बिना ब्रा पहने बैठने के बारे में भी सोचते ही हम में से कुछ डर के मारे अपनी छातियों को पकड़ लेते हैं। सोते समय ब्रा पहनना है या निकालना है? यह आपके आराम पर निर्भर है। क्योंकि विज्ञान के पास ऐसा कोई सबूत नहीं है जो यह दिखाता है कि ब्रा पहनने से आप स्तनों के ढीलेपन/लटकने से बचा सकते हैं। याद रखिये कि आपके स्तन बहुत सी चरबी से बने हैं और इनमें कोई मांसपेशियां नहीं हैं। वजन के अचानक बढ़ने या घटने से, उम्र के बढ़ने से, गर्भावस्था से (ना कि स्तनपान से), उन औरतों के स्तन भी लटक सकते हैं जो पूरे समय ब्रा पहने रहती हैं।

क्या ब्रा आपकी सेहत के लिए हानिकारक हो सकते हैं?

इस बात के बारे में ज़रा सोचिये। 2013 में 13 साल तक किये गये एक  फ्रेंच अध्ययन से यह मालूम पड़ा कि ब्रा से स्तन लटक सकते हैं और यह हर तरह से यह सेहत के लिए खराब हैं। जहां दूसरे चिकित्सक विशेषज्ञ इस विवादस्पद अध्ययन को लेकर संशयी हैं, कुछ बातों के बारे में सोचना ज़रूरी है। औरतें अक्सर गलत साइज़ के ब्रा पहनती हैं, साइज़ बदलना भूल जाती हैं, बहुत कसे हुए ब्रा पहनती हैं, वगैरह-वगैरह। इन आदतों से असल में स्तन के ऊतकों को हानि पहुंच सकती है, पीठ में दर्द हो सकता है और हमारे रक्त प्रसार पर भी इसका असर हो सकता है।

तो क्या हमें हमारे असममित, लटकते हुए स्तनों के साथ खुश रहना चाहिए?

समझने वाली बात यह है। आकाश की ओर इशारा करने वाले स्तन मानक नहीं हैं। एकदम गोल, बिलकुल सममित, ग्रेविटी को चुनौती देने वाले स्तन उतने ही नार्मल और सामान्य हैं जितनी कि वह बेदाग त्वचा जिसे हम विज्ञापनों में देखते हैं और हम सब जानते हैं कि ऐसी त्वचा सिर्फ फोटोशॉप और मेक-आप द्वारा पायी जा सकती है। इसके बजाय हम अपने स्तनों को कपड़े पहना सकते हैं, उनपर से परदे हटा सकते हैं/सकती हैं, उनका जश्न मना सकते हैं। उस स्तनों के साथ मस्ती वाले अनुभाग को फिर से देखें।

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