पिछले कुछ वक्त से #MeToo आंदोलन के तहत यौन उत्पीड़न से जुड़े कई सनसनीखेज मामले सामने आए हैं, जिनमें बॉलीवुड, मीडिया और राजनीति के क्षेत्र से कई चेहरे उजागर हुए। इससे एक बात तो साबित हुई है कि एक समाज के तौर पर हम स्त्रियों के लिए सुरक्षित कार्यस्थल वातावरण बनाने में असफल रहे हैं। यह तो ज़ाहिर है कि इस बात का खामियाज़ा हम सभी को उठाना होगा लेकिन ऐसे अनुचित वातावरण और सोच को बढ़ावा देने का श्रेय भी मीडिया को ही जाता है।
टेलीविज़न पर मज़ाक, कॉमेडी, और रियलिटी शोज़ के नाम पर जो फूहड़ता सरेआम बेची जा रही है, वह इस बात का सबूत है कि भारतीय मीडिया किस पैमाने पर ‘सेक्सिस्ट कॉन्टेंट’ का समर्थन कर रहा है। हाल ही में कलर्स चैनल पर शुरू हुए बिग बॉस के बारहवें सीज़न में इस बात का जीता-जगता प्रमाण दिखा।
शो के पहले एपिसोड में होस्ट सलमान खान और पिछले विजेताओं के अलावा वरिष्ठ पत्रकार दिबांग और श्वेता सिंह भी मौजूद थे। इस सीज़न के प्रतिभागियों को जोड़ियों और सिंगल्स में विभाजित किया गया है, जिसमें सेलिब्रिटीज़ और आम-प्रतिभागी दोनों हैं। होस्ट सलमान खान और पत्रकार दिबांग ने इस सीज़न आकर्षण के केन्द्र रहे अनूप जलोटा और उनकी पार्टनर जसलीन मठारू का मज़ाक उड़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। इस ‘हंसी-मज़ाक’ में जसलीन को मात्र एक ‘ट्रॉफी’ बना कर रख दिया और अनूप जलोटा को उस ‘ट्रॉफी’ का विजेता। जबकि जलोटा की गर्लफ्रेंड होने के अलावा जसलीन एक बेहतरीन गायिका भी हैं। वे भरतनाट्यम, हीप-हॉप, साल्सा एवं बेली-डांसिंग में एक प्रशिक्षित नर्तकी भी हैं लेकिन शो में इन बातों को महत्त्व देना ज़रूरी नहीं समझा गया।
उनके घर में प्रवेश करने के कुछ ही दिनों के अंदर जसलीन को ‘अग्निपरीक्षा’ का सामना करना पड़ा। एक टास्क के दौरान सिंगल प्रतिभागियों को जोड़ियों के एक-एक प्रतिभागी को किडनैप करना था और फिरौती के तौर पर उनके पार्टनर से कोई त्याग करवाना था। टीवी की चहेती बहू सिमर यानी दीपिका कक्कड़ ने अनूप जलोटा को किडनैप कर लिया और उन्हें आज़ाद करने के लिए जसलीन से अपने कपड़े, मेकअप के सामान और बाल कटवाने की डिमांड रख देती हैं। काफी सोच विचार के बाद जसलीन ने ऐसा करने से मना कर दिया। अगर जसलीन ये टास्क कर लेती तो अनूप नॉमिनेशन की प्रक्रिया से सुरक्षित हो जाते। अनूप इस बात से काफी नाराज़ हुए और घर में चल रही इस अराजकता के बीच उन्होंने तैश में आकर जसलीन से अपने रिश्ते को समाप्त करने की घोषणा कर दी।
जो अनूप अभी कुछ ही दिन पहले घर में प्रवेश करते वक्त सलमान से कह रहे थे कि वो इस शो में केवल जसलीन की ही इच्छा पूरी करने आ रहे हैं। अब अचानक उसे भौतिकवादी कहने लगे।
टास्क खत्म होने के कुछ ही देर बाद जसलीन को अनूप के सामने कमज़ोर पड़ते देखा गया और वो बार-बार अनूप को अपने निर्णय पर पुनर्विचार करने के लिए कह रही थीं। घर के अन्य लोग भी अनूप से जसलीन की सिफारिश करते दिखे और जो कसर बाकी थी उसे दर्शकों ने सोशल मीडिया पर अपनी टिप्पणी देकर पूरी कर दी।
यह कहानी तो घर में बंद सोलह प्रतिभागियों में से केवल दो की ही है। बिग बॉस के लगभग सभी सीज़नों में जेंडर स्टीरियोटाइप को बढ़ावा दिया जाता है। शो में “मोरालिटी” की तलवार अक्सर महिला प्रतिभागियों पर ही लटकती रहती है। अगर घर में मसाला पूरा नहीं हो पता तो सलमान खान ‘वीकेंड-का-वार’ में भड़ास निकाल देते हैं। गुरबानी जज, अर्शी खान, गौहर खान, काम्या पंजाबी, महक चहल, लुसिंडा और सपना भवनानी उन महिला प्रतिभागियों में से जो बिग बॉस के ‘सेक्सिस्ट कॉन्टेंट’ का शिकार हुई हैं। हैरत की बात यह है कि जिस सलमान खान के ऊपर खुद घरेलु हिंसा और आक्रामक व्यवहार के कई आरोप लगे हैं, वो अक्सर शो पर महिलाओं के रहन-सहन और व्यव्हार पर लेक्चर देते दिखाई पड़ते हैं।
शो पर आये श्रीसंत ने भारतीय महिला क्रिकेट टीम को नीचा दिखाते वक्त एक बार भी नहीं सोचा, जो खुद मैच फिक्सिंग के तहत आजीवन बैन भुगत रहे हैं। यह बड़े अफसोस की बात है कि इस शो का समय फिर से प्राइम टाइम यानी रात को नौ बजे कर दिया गया है, जिससे और अधिक दर्शक इस शो में जुड़ रहे हैं। ऐसे में यह बेहद ज़रूरी है कि टेलीविज़न निर्माता अपनी ज़िम्मेदारी को समझते हुए मनोरंजन और टीआरपी के नाम पर फूहड़ और सेक्सिस्ट कॉन्टेंट बेचना बंद करें। #MeToo और #TimesUp जैसे आंदोलनों से मीडिया के अंदर का घिनौना चेहरा समने आ गया है लेकिन सूरत तभी बदलेगी जब हम समाज को ये फूहड़ता बेचना बंद करेंगे।
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