साल 2009 में जब यूपीएससी ने सिविल सर्विस का रिज़ल्ट जारी किया तब लिस्ट में कश्मीर के शाह फैसल का नाम सबसे शीर्ष पर था। शाह फैसल ने साल 2009 में आईएएस एक्ज़ाम में टॉप किया था। देश की सबसे कठिन परीक्षा मानी जाने वाली आईएएस परीक्षा में जब कश्मीर के शाह फैसल ने टॉप किया तब कश्मीर के कई युवाओं के लिए वो प्रेरणास्त्रोत बन गए थे।
परीक्षा में टॉप करने के बाद जब शाह फैसल सुर्खियों में आए, तब कश्मीर के छोटे से गॉंव के एक नौजवान ने ठान लिया था कि उसे भी आईएएस परीक्षा की तैयारी करनी है और आईएएस अधिकारी बनना है। तब यह नौजवान कॉलेज में ग्रेजुएशन कर रहा था। उसने उसी वक्त से परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी। साल 2016 में जब यूपीएससी ने सिविल सर्विस का रिज़ल्ट जारी किया तब इस नौजवान का नाम टॉपर लिस्ट में दूसरे नंबर पर था।
आप समझ गए होंगे कि हम आईएएस अफसर अथर आमिर खान की बात कर रहे हैं। आइए जानते हैं आईएएस अफसर बनने के ख्वाब को हकीकत में तब्दिल करने वाले अथर अमिर खान की पूरी कहानी।
बचपन से था पढ़ाई का जुनून
अथर आमिर का पूरा नाम ‘अथर आमिर उल शफी खान’ है। कश्मीर के अनन्तनाग ज़िले के देवीपोरा गॉंव में 5 सितंबर 1992 को अथर का जन्म हुआ। अथर के पिता मोहम्मद शफी पेशे से एक शिक्षक हैं।
अथर के घर में शुरू से ही पढ़ाई का बेहतर माहौल था। अब्बू स्कूल में टीचर थे इसलिए अथर आमिर की पढ़ाई में शुरू से ही दिलचस्पी रही। उन्होंने देवीपोरा गॉंव में एवरग्रीन पब्लिक स्कूल से अपनी शुरुआती पढ़ाई की।
इसके बाद उन्होंने इकबाल मेमोरियल स्कूल में दाखिला लिया। पढ़ाई में होशियार होने के कारण आमिर के अब्बू मोहम्मद शफी ने अपने बेटे को श्रीनगर के एक स्कूल में दाखिला करा दिया। उन्होंने हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की पढ़ाई श्रीनगर में रहकर की थी।
स्कूल की पढ़ाई के बाद आईआईटी का सफर
श्रीनगर के टिंडेल बिस्को स्कूल से बारहवीं की पढ़ाई के दौरान ही अथर आमिर ने ऊंची उड़ान भरनी शुरू कर दी थी। साल 2007 में उन्हें ‘बेस्ट यंग साइंटिस्ट’ का अवॉर्ड दिया गया था। उन्होंने नैशनल चिल्ड्रेन साइंस कॉंग्रेस में यह अवॉर्ड जीता था। अथर ने बारहवीं के बाद कई नामी कॉलेजों में दाखिले के लिए एग्ज़ाम दिया और हर एक एग्ज़ाम में उन्हें सफलता मिली। बारहवीं के बाद अन्य एग्ज़ाम देने के दौरान उन्होंने आईआईटी में भी कामयाबी हासिल की। इसके बाद उन्हें हिमाचल के आईआईटी मंडी में दाखिला मिला।
बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल करने के लिए अथर आईआईटी मंडी निकल पड़े और यहीं से उनकी ज़िन्दगी में एक खूबसूरत मोड़ आया। यहां पढ़ाई करते हुए उन्होंने आईएएस अधिकारी बनने के बारे में कल्पना करनी शुरू कर दी।
शाह फैसल की कामयाबी ने दिखाई राह
कॉलेज में पढ़ाई के दौरान अथर आमिर का लक्ष्य शायद कुछ और ही रहा होगा लेकिन आईएएस अफसर बनने की प्रेरणा उन्हें शाह फैसल के यूपीएससी परीक्षा में टॉप करने के बाद मिली थी। अथर आमिर ने शाह फैसल के टॉप करने के बाद इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान ही सिविल सर्विस परीक्षा के लिए जानकारी जुटानी शुरू कर दी थी।
मानसिक तौर पर तैयार होने के बाद अथर ने परीक्षा के लिए खुद को तैयार करना शुरू कर दिया। उनके लिए यह सब उतना भी आसान काम नहीं था लेकिन कड़ी मेहनत के दम पर उन्होंने अपने इस सपने को साकार कर दिया। उन्हें पहली दफा ही सिविल सर्विस की परीक्षा में कामयाबी मिल गई लेकिन रैंक काफी नीचे थी। इस वजह से उन्हें ‘आईआरटीएस’ यानि के इंडियन रेलवे ट्रैफिक सर्विस डिर्पाटमेंट दिया गया।
आमिर के सिर पर सिर्फ आईएएस अधिकारी बनने का जुनून सवार था। ऐसे में उनके लिए काफी दुविधा थी कि वो आईआरटीएस ज्वॉइन करें या फिर से सिविल सेवा की तैयारी शुरू करें।
इस दुविधा की घड़ी में अथर आमिर ने आईएएस अधिकारी शाह फैसल से मश्वरा लेने का मन बनाया। शाह फैसल से काफी लंबी बातचीत के बाद यह तय किया कि आईआरटीएस ज्वॉइन कर लेना चाहिए लेकिन आईएएस परीक्षा की तैयारी जारी रखी जाए।
ट्रेनिंग के दौरान जारी रखी तैयारी
शाह फैसल के मश्वरे के बाद अथर आमिर ने आईआरटीएस डिपार्टमेंट ज्वॉइन कर लिया लेकिन आईएएस अफसर बनने की तैयारी में भी जुट गए। अथर आमिर आईआरटीएस की ट्रेनिंग के लिए लखनऊ आ गए, जहां उन्होंने ट्रेनिंग के दौरान अपनी यूपीएससी सिविल सेवा की तैयारी जारी रखी।
ट्रेनिंग के दौरान सिविल सेवा की तैयारी करना उनके लिए काफी मुश्किल था लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और तैयारी करते रहे। साल 2015 में उन्होंने पुन: परीक्षा दी। जब परीक्षा का रिज़ल्ट आया तब 23 साल के अथर आमिर को यूपीएससी परीक्षा में दूसरा स्थान प्राप्त हुआ, जबकि दिल्ली की टीना डाबी ने परीक्षा में टॉप किया।
यूपीएससी परीक्षा पास करने के बाद आमिर को सर्विस की पहली प्राथमिकता कश्मीर में दी गई। वो सर्विस में रहते हुए कश्मीर राज्य के बेहतरीन विकास और वहां के लोगों के लिए काम करना चाहते थे लेकिन वहां सीट नहीं मिलने के कारण उन्हें दूसरी प्राथमिकता के तौर पर राजस्थान कैडर मिला। मौजूदा समय में अथर आमिर राजस्थान राज्य में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
टीना और आमिर की खूबसूरत प्रेम कहानी
अथर आमिर और टीना डाबी की लव स्टोरी काफी सुर्खियों में रही है। Youth Ki Awaaz को साल 2016 में दिए एक साक्षात्कार में टीना ने बताया कि आमिर को उनसे पहली ही नज़र में प्यार हो गया था लेकिन उन्होंने इस प्रपोज़ल को स्वीकार करने में थोड़ा समय लिया। 9 नवम्बर को टीना डाबी ने अपने फेसबुक प्रोफाइल पर रिलेशनशिप स्टेटस अपडेट करते हुए आधिकारिक तौर पर लोगों को अपने रिश्ते की बात बताई थी।
टीना और आमिर पहली बार नई दिल्ली स्थित डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनोल एंड ट्रेनिंग (डीओपीटी) के नार्थ ब्लॉक स्थित दफ्तर में 11 मई को मिले थे। साक्षात्कार के दौरान टीना ने कहा था कि हम सुबह मिले और शाम को आमिर मेरे दरवाजे़े पर था। मैंने आमिर का प्रपोजल स्वीकार करने में थोड़ा वक्त लगाया और अगस्त में अपनी हामी भरी।
गौरतलब है कि 20 मार्च 2018 को आईएएस अफसर अथर आमिर खान ने टीना डाबी से राजस्थान के जयपुर में कोर्ट मैरिज कर ली, जिसके बाद अथर ने 7 अप्रैल 2018 को कश्मीर के पहलगाम में धार्मिक रीति रिवाज़ के तहत परिवार वालों की मौजूदगी में टीना ने निकाह कर लिया।दोनों की शादी के बाद काफी लोगों ने इस जोड़ी को सराहा और सोशल मीडिया पर उनकी शादी की काफी चर्चाएं भी हुईं।
नोट: तस्वीरें अथर आमिर और टीना डाबी के फेसबुक प्रोफाइल से ली गई है।