टीम इंडिया के तीनो फॉर्मेट के मौजूदा कप्तान विराट कोहली की तुलना भले ही क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर से की जाती है लेकिन उनका हालिया बयान बेहद शर्मनाक है। अभी हाल ही में एक फैन से देश छोड़ने की बात कहने वाले विराट ने यह साबित कर दिया है कि इंसानियत के मामले में वो सचित तेंदुलकर के नाखून के बराबर भी नहीं हैं।
आपको बता दें विराट कोहली ने अपने एक फैन से कहा था कि यदि वो भारतीय क्रिकेटरों को खेलते देखना पसंद नहीं करते हैं तब उन्हें देश छोड़ देना चाहिए।”
भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान साहब भूल गए हैं कि क्रिकेट के खेल में कोई भी कीर्तिमान अगर खिलाड़ी को महान बनाता है तो जहीन इंसानियत आपको महान इंसान बनता है। किसी भी खेल का महान खिलाड़ी अपने खेल के साथ-साथ अपने स्वभाव के कारण भी महान बनता है। उदहारण के तौर पर पेले, मोहम्मद अली, सचिन आदि का नाम लिया जा सकता है।
कप्तान साहब को ऐसा क्यों लगता है कि हिन्दुस्तानियों को सिर्फ भारतीय खिलाड़ियों को ही फॉलो करना चाहिए, अन्यथा अपनी फ्लाइट बुक करते हुए देश से निकल जाना चाहिए। विराट कोहली का मौजूदा बयान उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भक्तों के सरीखे है जो मुख्यमंत्री बनने के पहले उनके भक्त दिया करते थे “यूपी में रहना है तो योगी-योगी कहना है।”
मौजूदा दौर की राजनीति का नकारात्मक प्रभाव ही है जिससे विराट कोहली जैसे उम्दा खिलाड़ियों को यह हक मिल जाता है कि वह लोगों को देशभक्ति की परिभाषा बताएं। अब तक इस तरह के बयान कुछ मंद दिमाग के नेताओं से सुनने को मिले थे कि ‘पाकिस्तान चले जाओ’ लेकिन खेल या फिल्मी सितारों से सुनना पड़े तो समझना ज़रूरी है कि देश में चल क्या रहा है?
वैसे अगर देश के खिलाड़ियों को पसंद करना देशभक्ति है तो विराट कोहली को यह भी बताना चाहिए कि अपनी शादी का आयोजन उन्होंने इटली में क्यों किया था? क्या देश के व्यंजन और संस्कृति से उनको शर्म आती है या उससे गवारपन का एहसास होता है।
विराट कोहली यह भी भूल गए हैं कि टीवी पर उनके जितने भी विज्ञापन आते हैं, वह बाबा रामदेव या खादी के नहीं होते हैं, बल्कि सभी कुछ विदेशी ब्रैंड के होते हैं। भारत में फुटबॉल की अच्छी पकड़ नहीं है तो वो जर्मनी को सपोर्ट करने लग जाते हैं। यहां तक कि अंडर-19 खेलते समय उन्होंने खुद को गिब्स का फैन भी बताया था।
शायद विराट को यह भी याद नहीं होगा कुछ दिनों पहले उन्होंने अपने एक पाकिस्तानी फैन के जेल में बंद किए जाने पर सोशल मीडिया पर दु:ख व्यक्त किया था, क्योंकि जेल में बंद उनका फैन उनकी बैंटिग मिस कर रहा था। विराट का हालिया बयान यह सिद्ध करता है कि उस फैन के साथ पाकिस्तान सरकार ने सही किया था।
विराट का मौजूदा राष्ट्रवादी बयान यह जताने की कोशिश है कि आपको भारत की हर एक चीज़ से प्यार करनी चाहिए, वरना आपको देश में रहने का कोई हक नहीं है। विराट एक बल्लेबाज़ से महानतम बल्लेबाज़ के सफर में तेज़ी से आगे बढ़ रहे हैं मगर देश के नागरिकों के स्पोर्ट्समैनशिप तय करने का उनको अधिकार नहीं है। विराट अपने हर दूसरे प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह शब्द दोहराते हैं लेकिन खुद शायद इसका अर्थ अपनी सोच के हिसाब से तय करना चाहते हैं।
कप्तान साहब, कोई भी खेल और खिलाड़ी सबका होता है। वह किसी देश के झंड़े तले खेला ज़रूर जाता है लेकिन होता सिर्फ एक खेल ही है। कल को लॉर्ड्स में अब कोई फैन आपके सामने सेल्फी लेने आएगा तो क्या आप उनसे भारत के नागरिकता की पहचान पत्र मांगेंगे और फिर सेल्फी लेने देंगे।
कप्तान साहब, “क्या आप यह तय करने की कोशिश कर रहे हैं कि भारत में रहना है तो कोहली… कोहली कहना है? यह इस देश की खेल या मानवता की संस्कृति का हिस्सा नहीं, आपको इसपर शर्मिंदा होना चाहिए। अगर नहीं है, फिर तो मुझे आपके इस देश के नागरिक और इस महान खेल का खिलाड़ी होने पर शर्मिंदगी हो रही है।