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धार्मिक शोशे बाज़ी

आज सुबह उठा तो देखा 12 बजे तक बिजली है, फिर याद आया की आज तो 16 तारीख़ है, आज ही के दिन भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कुम्भ मेला कार्यों का निरीक्षण और 3-4 पुलों का लोकार्पण करने इलाहाबाद अरे सॉरी!! प्रयागराज आ रहे हैं। हमारे तरफ किसी नेता के आने की खबर लोग टीवी अख़बार से नहीं जानते, बस अगर लाइट न कटे और पानी दिन भर आता रहे तो लोग समझ जाते हैं कि कोई नेता आने वाला है।

वैसे इस बार का कुम्भ, अर्धकुम्भ है, 6 साल वाला, लेकिन अजय सिंह बिष्ट ने इसे ही महाकुम्भ घोषित कर दिया है। तैयारियां जोरों पर हैं और पिछले 2 महीने से दिन में 11 से 6 बिजली काट दी जा रही है। ये जो आप फोटो में कछार देख रहे हैं यह संगम से लगभग 7 km दूर है, लखनऊ की तरफ से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए इधर से ही संगम तक का सीधा रास्ता बनाया जा रहा है ताकि शहर में भीड़ न बढे। इसमें बने रास्तों और टेंटों में रात भर बिजली रहती है और बगल के मुहल्लों में कभी कभी अँधेरा हो जाता है। कछार के सियार भी काफी खुश हैं कि ‘प्रयागराजियों’ से ज्यादा सुविधा हमें मिल रही है।

रोड चौड़ी हो रही हैं, नए पुल और चौराहे बन रहे हैं, शहर की दीवारों पर चित्रकारी हो रही है लेकिन पिछले दो तीन महीनों से फैब्रिकेटिंग, प्रिंटिंग जैसे बिजली से होने वाले काम ठप हैं, इसका नुकसान बहुत बड़ा है।इन करोड़ों के खर्चों को देख कर यह भी याद आता है कि यह वही मुख्यमंत्री है जिसने गोरखपुर के अस्पताल का कुछ लाख का भुगतान रोक दिया जिससे ऑक्सीजन की कमी से मासूम बच्चे तड़प कर मर गए। इसी इलाहाबाद शहर के सरकारी अस्पतालों में जरुरी आपरेशन मशीन के ख़राब होने की वजह से टाल दिए जाते हैं, मुफ्त में मिलने वाली दवाओं और सर्जिकल उपकरणों को बेच लिया जाता है। इसी महान प्रयागराज के सिर्फ एक सरकारी अस्पताल में MRI मशीन है, जिसका नंबर डॉक्टर 2 महीने बाद लगाते हैं ताकि मरीज़ मजबूर होकर या तो घूस दे या फिर बाहर चेक अप कराये। यहाँ शहर के कुछ सरकारी प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों में तो सूअर और सांड़ लोटते हैं। जिस शहर प्रदेश या देश में इतनी गंभीर बुनियादी समस्याएं हों वहाँ सिर्फ धर्म के नाम पर इस तरह का शोशा अच्छा नहीं लगता।

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