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जानिए कैसे स्टूडेंट्स के भूख हड़ताल के बाद MDU में अवैध वसूली बंद हुई

भूक हड़ताल पर बैठे छात्र

भूक हड़ताल पर बैठे छात्र

महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के 6 स्टूडेंट्स 20 नवंबर की सुबह 10 बजे से भूख हड़ताल पर बैठे थे। विश्वविद्यालय प्रशासन ने उक्त छात्रों का परीक्षा रॉल नंबर जारी करने पर रोक लगा दिया था। रॉल नंबर जारी करने के एवज में छात्रों से 5000 रुपये की लेट फीस की मांग की जा रही थी। भूख हड़ताल पर बैठने वाले छात्रों में लोकेश (छात्र युवा संघर्ष समिति) ज़िला अध्यक्ष रोहतक, संदीप, आशा,अनु, बलविंदर और नवनीत शामिल थे।

छात्रों पर यह जुर्माना 28 अगस्त तक अपनी डिग्री नहीं जमा कराने के कारण लगाया गया था जबकि उक्त छात्रों की डिग्री ही गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय द्वारा 15 अक्टूबर को जारी की गई थी। ऐसे में यह समझना होगा कि छात्रों को जो डिग्री 15 अक्टूबर को मिली थी, वे उसे 28 अगस्त से पहले कैसे जमा करा देते?

विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ छात्रों का प्रदर्शन

इन्हीं मांगों को लेकर 22 नवंबर की शाम 4 बजे बड़ी संख्या मे छात्र कुलपति से मिले। पहले तो कुलपति बिजेन्द्र के पुनिया ने मिलने से ही मना कर दिया था लेकिन छात्रों द्वारा लगातार अपनी बात पर अड़े रहने के बाद वीसी को आना पड़ा और उन्होंने छात्रों से बात की। इस दौरान निम्नलिखित मांगों पर सहमति बनी।

इस प्रकार से तमाम मांगों पर सकारात्मक परिणाम प्राप्त हुआ है। स्टूडेंट जॉइंट एक्शन कमेटी ने अब यह फैसला लिया है कि अगली कार्यकारिणी की बैठक का इंतज़ार किया जाएगा। यदी विश्वविद्यालय प्रशासन लेट फीस को 5,000 से घटाकर कम नहीं करती है तब इस पर बड़े स्तर पर आदोलन किया जाएगा।

भूख हड़ताल की खबर अखबार में प्रकाशित।

स्टूडेंट जॉइंट एक्शन कमेटी ने 300 रुपये तक की लेट फीस राशि रखे जाने की बात की है। छात्रों ने सत्यदेव नारायण आर्य (राज्यपाल एवं कुलाधिपति मदवि), मनोहर लाल खट्टर (मुख्यमन्त्री हरियाणा), रामविलास शर्मा (शिक्षा मंत्री हरियाणा), प्रकाश जावडेकर (मानव संसाधन मन्त्री भारत), यश गर्ग (डीसी रोहतक), जशनदीप रंधवा (एसपी रोहतक) के नाम भी अपना ज्ञापन प्रेषित किया।

22 नवंबर की शाम 5 बजे छात्रों की भूख हड़ताल समाप्त हुई। छात्रों को डॉक्टर हरबीर राठी और राकेश क्रान्ति सुरेश कुमार ने जूस पिलाकर उनकी भूख हड़ताल को समाप्त कराया। राकेश क्रान्ति और हरबीर राठी ने छात्रों को संबोधित भी किया तथा उनके संघर्ष और जीत के लिए उन्हें शुभकामनाएं भी दी।

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