खेलकूद इंसान के जीवन का एक अहम हिस्सा है। हम मानवीय जीवन की कल्पना खेलकूद के बिना नहीं कर सकते। खेलों के महाकुंभ कहे जाने वाले ओलंपिक में भारत का प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा लेकिन भारतीय खिलाड़ियों ने राष्ट्रमंडल खेलों के साथ-साथ एशियाई स्पर्धा में भी शानदार खेल का मुज़ाएरा पेश किया है। कुल मिलाकर साल 2018 भारतीय खेल जगत के लिए बेमिसाल रहा।
यदि हम भारत के सबसे लोकप्रिय खेल क्रिकेट की बात करेंगे तब साल में कई ऐसे मौके आए हैं जब भारतीय समर्थकों को खुशी मनाने का मौका मिला। साल की शुरुआत में एक तरफ जहां पृथ्वी शॉ की कप्तानी में भारत ने अंडर-19 वर्ल्ड कप जीता वही दूसरी ओर ब्लाइंड क्रिकेट टीम ने पाकिस्तान की टीम को हराकर वर्ल्ड कप पर कब्ज़ा जमाया। यह बहुत बड़ी उपलब्धि है लेकिन मीडिया में इसे ज़्यादा कवरेज नहीं मिली।
क्रिकेट के सबसे छोटे फॉर्मेट में खेले जाने वाले टी-20 टूर्नामेंट आईपीएल में दो साल बाद वापसी करते हुए चेन्नई सुपर किंग्स की टीम ने साल 2018 का खिताब अपने नाम कर लिया।
एशिया कप में श्रीलंका के खिलाफ खेलते हुए मिताली राज ने अपने टी-20 करियर के 2000 रन पूरे किए। ऐसा करने वाली वह पहली भारतीय क्रिकेटर बनी। उसके बाद विराट कोहली ने भी यह कारनामा किया। महेंद्र सिंह धोनी ने भी अपने वनडे करियर में 10000 रन बनाए।
विराट कोहली ने अपने शानदार प्रदर्शन के दम पर वनडे करियर के 10000 रन पूरे किए लेकिन उन्होंने इसे पूरे करने के लिए 213 वनडे मैच खेलते हुए 205 पारियों का समय लिया। इसी साल खेला गया ‘एशिया कप फाइनल’ भी टीम इंडिया के लिए यादगार लम्हा रहा जहां भारत ने बांग्लादेश को हराते हुए सातवीं बार एशिया कप पर कब्ज़ा जमा लिया। विकेट के पीछे अपनी फुर्ती के लिए मशहूर पूर्व भारतीय कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी ने इस मैच के दौरान इंटरनेशनल क्रिकेट में 800 विकेट पूरे किए।
रोहित शर्मा के नेतृत्व में भारत के सीनियर खिलाड़ियों ने एशिया कप पर शानदार जीत हासिल की। वही भारत की अंडर-19 टीम ने पी सिमरन सिंह के नेतृत्व में श्रीलंका को 144 रनों से हराते हुए खिताब अपने नाम कर लिया।
यह साल भारतीय क्रिकेट के लिए इसलिए भी खास है क्योंकि राजकोट टेस्ट में रिकॉर्ड जीत के बाद युवा बल्लेबाज़ पृथ्वी शॉ को ‘मैन ऑफ द मैच’ चुना गया। पृथ्वी ने जहां अपने करियर के डेब्यू में शतक जड़ते हुए मैन ऑफ द मैच बनने वाले छठे भारतीय बने।
वही सबसे तेज़ 200 वनडे छक्के लगाकर रोहित शर्मा ने साबित कर दिया कि उन्हें हिटमैन क्यों कहा जाता है। टीम इंडिया के तीनों फॉर्मेट के मौजूदा कप्तान विराट कोहली के बाद वह ऐसा करने वाले दूसरे भारतीय खिलाड़ी बने।
भारतीय महिला क्रिकेट टीम की बात करें तो अनुभवी तेज गेंदबाज़ झूलन गोस्वामी ने 200 वनडे विकेट लेने का रिकॉर्ड अपने नाम दर्ज किया। ऐसा करने वाली वह दुनिया की पहली खिलाड़ी बनी है। इसके अलावा महिला टी-20 मैच में शतक लगाते हुए हरमनप्रीत कौर पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बन गई। उन्होंने न्यूज़ीलैंड के खिलाफ नाबाद 103 रन बनाए।
विश्व की सर्वाधिक लोकप्रिय खेल फुटबॉल की बात की जाए तो भारत ने सुनील छेत्री की कप्तानी में इस साल ‘इंटरकॉन्टिनेंटल कप’ अपने नाम किया। केन्या को 2-0 से हराते हुए कप्तान सुनील छेत्री ने अपना 100वां अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल मैच खेला। ऐसा कारनामा करने वाले वह दूसरे भारतीय हैं। उनसे पहले बाइचुंग भूटिया ने भारत के लिए 100 से ज़्यादा फुटबॉल मैच खेले हैं।
भारत के मिट्टी से जुड़ा हुआ कबड्डी एक बढ़िया खेल है। साल 2004 से अब तक हुए 5 वर्ल्ड कप पर भारत ने अपना कब्ज़ा जमाया है लेकिन इस साल दुबई में हुए ‘मास्टर्स कबड्डी कंपटीशन’ में टीम इंडिया को शानदार जीत के लिए हमेशा याद किया जाएगा।
प्रो कबड्डी लीग के कारण इस खेल को काफी ग्लैमर मिल रहा है। वही इस खेल का ओलिंपिक में ना शामिल होना बेहद ही निराशाजनक बात है। खेल की बढ़ती लोकप्रिता और भारत की शानदार पकड़ के लिहाज से तो इसे ओलिंपिक का हिस्सा होना ही चाहिए।
राष्ट्रमंडल खेलों में भी भारतीय खिलाड़ियों ने बेहतरीन खेल का प्रदर्शन किया। भारतीय खिलाड़ियों ने कुल 66 पदक हासिल किए जिनमें 26 गोल्ड, 20 सिल्वर और 20 ब्रॉन्ज मेडल शामिल हैं। ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बाद पदक तालिका में भारत तीसरे पायदान पर रहा।
भारतीय खिलाड़ियों ने शूटिंग में कमाल दिखाते हुए 7 गोल्ड मेडल के साथ 16 पदक अपने नाम किया। अविनाश भनवाल, मेहुली घोष और मनु भाकर जैसे यंग शूटर्स के साथ-साथ हिना सिद्धू, जीतू राय और तेजस्विनी सावंत जैसे अनुभवी खिलाड़ियों ने भारत के लिए स्वर्ण पदक हासिल किए।
राष्टमंडल खेलों में अगर टेबल टेनिस की बात करें तब मनिका बत्रा सबसे सफल भारतीय खिलाड़ी साबित हुईं। उन्होंने एक स्वर्ण पदक के साथ कुल 4 पदक अर्जित किए जिसके कारण भारत अकेला देश रहा जिसने टेबल टेनिस में 8 मेडल प्राप्त किए।
वेटलिफ्टिंग जैसे भारी भरकम खेल में भी भारतीय खिलाड़ियों ने चमक दिखाते हुए इस इवेंट में कुल 9 पदक प्राप्त किए। जिसमें 5 गोल्ड, 2 सिल्वर और 2 ब्रॉन्ज पदक शामिल हैं। मीराबाई चानू , संजीता चानू और पूनम यादव ने भारत के लिए गोल्ड मेडल जीते।
दंगल फिल्म के आने के बाद से भारतीय फैंस के ज़हन में कुश्ती को लेकर एक अलग ही जुनून है। फैंस की उम्मीदों पर कायम रहते हुए भारतीय खिलाड़ियों ने 5 गोल्ड मेडल के साथ कुल 12 मेडल हासिल किए। विनेश फोगाट, बजरंग पुनिया और साक्षी मलिक का प्रदर्शन बेहतरीन रहा।
भारत की स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी सायना नेहवाल ने राष्ट्रमंडल खेलों में गोल्ड मेडल जीतते हुए एक बार फिर से फैंस को गर्व का पल दिया। सायना ने ओलिंपिक मेडलिस्ट पीवी सिंधु को हराते हुए स्वर्ण पदक अपने नाम किया। वही किदांबी श्रीकांत को मेंस सिंगल में सिल्वर मेडल प्राप्त हुआ।
भारतीय खिलाड़ियों ने जोरदार पंच लगाते हुए बॉक्सिंग में कुल 9 मेडल जीते, जिनमें 3 गोल्ड मेडल शामिल हैं। मैरी कॉम ने वूमेन 48 कि.ग्रा के इवेंट में गोल्ड मेडल अपने नाम किया।
एथलेटिक्स में अच्छा प्रदर्शन करते हुए भारतीय खिलाड़ियों ने 3 मेडल जीते। उनका गोल्ड मेडल भारत के लिए खास रहा और साथ ही साथ नीरज ने वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भी गोल्ड मेडल जीता। यह उनका लगातार दूसरा गोल्ड मेडल है।
स्क्वैश में भारत ने दो मेडल जीते जो इस खेल के प्रचार-प्रसार के लिए मददगार साबित होगा। दीपिका पल्लीकल एवं जोशना चिनप्पा ने वुमेन्स डबल्स प्रतियोगिता में सिल्वर मेडल अपने नाम किया।
हॉकी के लिए 2018 कुछ खास नहीं रहा क्योंकि हम राष्ट्रमंडल के खेलों में पदक नहीं जीत पाए। भारत में हुई ‘हॉकी वर्ल्ड कप’ की प्रतियोगिता में भी भारतीय हॉकी टीम जलवा बिखेरने में असफल रही। टीम इंडिया को सेमीफाइनल से पहले ही नीदरलैंड्स के हाथो हार का सामना करना पड़ा।
राष्ट्रमंडल खेलों के अलावा अन्य जगहों पर भी भारतीय शूटर्स का प्रदर्शन काबिल-ए-तारीफ रहा। भारत की शहजर रिजवी ने दक्षिण कोरिया में हुए प्रतियोगिता में सिल्वर और मैक्सिको में गोल्ड मेडल जीता। तेजस्विनी सावंत ने राष्ट्रमंडल के साथ-साथ ‘शूटिंग वर्ल्ड कप’ में भी गोल्ड मेडल जीता। चैन सिंह ने भी उसी प्रतियोगिता में सिल्वर मेडल अपने नाम किया।
भारत के युवा निशानेबाज सौरभ चौधरी ने अपनी शानदार फार्म बरकरार रखते हुए ‘एशियाई एयरगन चैम्पियनशिप’ की 10 मीटर एयर पिस्टल में स्वर्ण पदक हासिल किया। 16 साल के सौरभ चौधरी ने अर्जेंटीना के ब्यूनस आयर्स में इसी साल हुए ‘यूथ ओलंपिक 2018’ में भी अच्छा प्रदर्शन करते हुए गोल्ड मेडल जीता।
एशियाई चैंपियनशिप (कुश्ती) में नवजोत कौर ने गोल्ड मेडल जीतते हुए भारतीय फैंस को खुश कर दिया। ऐसा कारनामा करने वाली वह पहली भारतीय महिला है। साक्षी मलिक ने फ्री स्टाइल में ब्रोंज मेडल जीता।
रियो ओलंपिक में अपने शानदार प्रदर्शन से लोगों का ध्यान आकर्षित करने वाली भारतीय जिम्नास्ट दीपा करमाकर ने तुर्की में भी ‘जिम्नास्ट वर्ल्ड कप’ में स्वर्ण पदक हासिल किया। वह रियो ओलंपिक में चौथे पायदान पर थीं।
वही मैरी कॉम ने ‘वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप’ का खिताब जीत कर यह साबित कर दिया कि बतौर खिलाड़ी वह कितनी शानदार हैं। इससे पहले 5 बार मैरी कॉम इस प्रतियोगिता को जीत चुकी हैं।
भारत की ओलंपिक मेडल विजेता पीवी सिंधु ने ‘वर्ल्ड टूर फाइनल’ बैडमिंटन वूमेंस सिंगल का किताब अपने नाम किया। 2018 का सफर भारतीय खेल जगत के लिए बेहद ही खास रहा। कई खिलाड़ी आए जिन्होंने फैंस और अपने सीनियर खिलाड़ियों को अपने खेल से प्रभावित किया। हम आशा करते हैं कि भारतीय खिलाड़ी नई ऊंचाइयों को छुए और भारत का नाम रौशन करें।
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