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जानिए एनएच 33 झारखंडवासियों के लिए कैसे बनी मौत की सड़क

सड़क की प्रतीकात्मक तस्वीर

सड़क की प्रतीकात्मक तस्वीर

राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 33 (बरही से बहरागोड़ा) की बदहाल स्थिति की वजह से आए दिन हो रही दुर्घटनाओं में लोगों की मृत्यु हो रही है। इसके बाद भी सड़क निर्माण के लिए निर्धारित मापदंडों का अनुपालन नहीं किया जा रहा है। सड़क निर्माण में अनियमितता और दुर्घटना में मृत्यु पर एनएचएआई और संवेदक पर आपराधिक व गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज कराने की मांग पर झारखंड जनतांत्रिक महासभा ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की है।

चांडिल डैम में आयोजित प्रेस वार्ता में महासभा के वीरेंद्र कुमार ने कहा कि सड़क चौड़ीकरण कर फोरलेन बनाने का काम वर्ष 2011 में शुरू किया गया था, जिसे वर्ष 2014 तक पूरा करना था लेकिन सरकार की ढुलमुल नीति और संवेदक की लुंजपुंज व्यवस्था के कारण यह सड़क आज भी अधूरी है।

निर्माणाधीन सड़क पर नियमों की अनदेखी कर कई डायवर्जन ऐसे बनाए गए हैं, जहां आए दिन दुर्घटना घट ही रही है। ऐसे ही एक डायवर्जन चौका थाना क्षेत्र के झाबरी और नुतनडीह के बीच है जहां आए दिन दुर्घटना घटती रहती है। अब तक सड़क दुर्घटनाओं में दर्जनों लोगों की मृत्यु हो चुकी है।

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान झारखंड जनतांत्रिक महासभा के सदस्य। फोटो साभार: सोनम कुमार

इस डायवर्जन निर्माण में एनएच द्वारा निर्धारित मापदंडों का अनुपालन नहीं किया गया है। डायवर्सन के लिए सड़क किनारे ना तो किसी तरह का बोर्ड लगाया गया है और ना ही बैरिकेडिंग की गई है।

डायवर्जन के लिए 100 मीटर दूर एक बोर्ड लगा है, जिसमें रेडियम का प्रयोग नहीं किया गया है। जिसके कारण अंधेरे में चालक को बोर्ड दिखाई नहीं देता है। झारखंड जनतांत्रिक महासभा मांग करती है कि वर्ष 2014 के बाद इस सड़क दुर्घटना में जितनी भी मृत्यु हुई है, उस पर एनएचएआई और संबंधित संवेदक के खिलाफ अपराधिक और गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया जाए।

जिन्होंने अपनो को खोया है, उन्हें मुआवज़े के साथ सरकारी नौकरी दी जाए। पूरे देश में यही एक सड़क है, जिसकी निर्माण संबंधी जांच सीबीआई कर रही है। प्रेस वार्ता में दीपक रंजीत, ललन प्रसाद, कृष्णा लोहार, अनुप महतो आदि शामिल थे।

नोट: यह आर्टिकल न्यूज विंग नामक वेबसाइट पर प्रकाशित हो चुकी है।

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